दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने की एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को भेजी है। इसमें दिल्ली सरकार की सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को आधार बनाकर मुख्य सचिव पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं शराब घोटाले में ईडी के समन पर पेश नहीं हुए। उनके दो मंत्री और सांसद तिहाड़ जेल में हैं। शराब घोटाले में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन केजरीवाल शराब घोटाले पर जवाब न देकर अपने आपको कट्टर ईमानदार के रूप में पेश कर रहे हैं। सवाल यह है कि जिस मुख्यमंत्री आबकारी नीति घोटाले में शामिल होने के आरोप है। वो दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव पर सवाल उठाकर शायद ईडी जांच को भटकाना चाहते हैं।
मुख्य सचिव का स्पष्टीकरण
सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि शेयरधारक,निदेशक, भागीदार,कर्मचारी या किसी भी रूप में संबंधित विवादस्पद कंपनी से उनका बेटा नहीं जुड़ा है। यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान आई एल बी एस ने एक बयान जारी करके आरोपों को निराधार और तथ्यहीन बताया है ।आईएलबीएस पुष्टि करता है कि उसने कोई खरीद का आदेश जारी नहीं किया है।
मुख्य सचिव पर अपने बेटे को फायदा पहुंचाने का आरोप
हालांकि दिल्ली सरकार की सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नरेश कुमार के बेटे की कंपनी और आईएलबी एस ने 24 जनवरी 2023 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली नजर में प्रतीत होता है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा आचरण का उल्लंघन किया है और अपने बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाया है। इससे दिल्ली सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा है।
हालांकि दिल्ली सरकार की सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नरेश कुमार के बेटे की कंपनी और आईएलबी एस ने 24 जनवरी 2023 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली नजर में प्रतीत होता है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा आचरण का उल्लंघन किया है और अपने बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाया है। इससे दिल्ली सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा है।
केजरीवाल का एक तीर से दो निशान
केजरीवाल की दिल्ली सरकार की अफसरशाही से नाराजगी कोई नयी बात नहीं है। वो हमेशा से केन्द्र सरकार पर अफसरशाही के जरिए दिल्ली के कामों में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में शायद वे दिल्ली के मुख्य सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर अपने दामन पर दागों को धोना चाहते हैं।