राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार गुट का पार्टी के नाम और निशान (घड़ी) को लेकर किए दावे का मामला चुनाव आयोग में है। दोनों गुट पार्टी का नाम और लोगो छोड़ना नहीं चाहते। इस मुद्दे पर 20 नवंबर को चुनाव आयोग में दोनों गुटों के वकीलों के बीच बहस हुई। अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
पहले दिन की सुनवाई पूरी होने के बाद शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अजीत पवार ने एनसीपी का नाम व प्रतीक चिन्ह हासिल करने के लिए चुनाव आयोग में गलत हलफनामे पेश किए हैं। इस मुद्दे से उन्होंने चुनाव आयोग को अवगत कराया है।
सिंघवी ने कहाः
सिंघवी ने कहा कि अजीत ने कुछ ऐसे पार्टी नेताओं के नाम भी चुनाव आयोग में दिए हैं जो आज भी शरद पवार के साथ हैं। ऐसा काम उन्होंने बिना संबंधित व्यक्ति से अनुमति लिए किया है। जिसके लिए आयोग को उनपर बिना देरी किए कार्रवाई करनी चाहिए।
नाम और चुनाव चिह्न पर सुनवाई
सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग में आज एनसीपी और घड़ी चुनाव चिन्ह पर हक किसका है, इस पर सुनवाई हुई। तीन दिन तक इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है। सिंघवी ने कहा कि अजित की ओर से आयोग में कार्यकर्ताओं के फर्जी हलफनामे जमा कराए गए हैं, इतना ही नहीं पदाधिकारियों के भी फर्जी प्रमाणपत्र जमा किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की सुनवाई में शरद पवार खुद मौजूद थे। उनके साथ सांसद सुप्रिया सुले, विधायक जीतेंद्र भी उपस्थित रहे।
ये है मामला
इसी वर्ष जुलाई महीने में अजीत पवार पार्टी के अन्य नेताओं के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिंदे-फडणवीस गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद पवार ने बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कई नेताओं को पार्टी से निकाल दिया था। बाद में अजीत पवार ने एनसीपी पर दावा पेश किया था और मामला चुनाव आयोग पहुंचा था। दोनों गुट एनसीपी और पार्टी के प्रतीक चिन्ह पर दावा कर रहे हैं।