भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है! जानिये, आरिफ मोहम्मद खान ने और क्या कहा

केरल के राज्यपाल ने कहा कि भारत का पुनः गौरव स्थापित करने के लिए नई शिक्षा नीति में भारत के सांस्कृतिक इतिहास, वैज्ञानिक उनवेष (नवाचार) इत्यादि आयामों पर विशेष बल दिया गया है।

1009

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य ही शिक्षा और सीखने पर ध्यान केंद्रित करना और “भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” बनाना है। उक्त बातें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 22 नवंबर को जौनपुर डाक बंगले में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य 2040 तक एक कुशल शिक्षा प्रणाली बनाना है, जिसमें सभी शिक्षार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक समान पहुंच हो। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक नई प्रणाली का निर्माण करना है, जो भारत की परंपराओं और मूल्य को अपने अंदर समाहित करते हुए विश्वगुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करे।

केरल के राज्यपाल ने कहा कि भारत का पुनः गौरव स्थापित करने के लिए नई शिक्षा नीति में भारत के सांस्कृतिक इतिहास, वैज्ञानिक उनवेष (नवाचार) इत्यादि आयामों पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन ही अधूरा रहता है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीक के युग में तकनीक आधारित पूंजी का निर्माण होता है, आज जिसके पास तकनीक है, वही पूंजीपति है। नई शिक्षा नीति जन-जन को तकनीकी ज्ञान एवं अपने संस्कृति का ज्ञान देने के लिए लाई गई है।

MP Assembly Elections: अब मतगणना की तैयारी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लिया मतगणना की तैयारियों का जायजा

भारत ज्ञान, शिक्षा और प्रज्ञा का केंद्र
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा कही गई बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता तभी प्राप्त होगी, जब भारत की बुनियाद पूर्ण रूप से शिक्षा पर आधारित हो जाए। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान, शिक्षा और प्रज्ञा का केंद्र है। उन्होंने कहा कि हमें सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है। स्वामी रंगनाथन के द्वारा कही गई बातों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि जिसके पास सरस्वती रहती हैं वहां लक्ष्मी नहीं जाती मगर रंगनाथन ने कहा कि यह बात बिल्कुल गलत है जहां सरस्वती रहेगी वहां लक्ष्मी जी अपने आप आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि अगर शिक्षित व्यक्ति अपनी शिक्षा का उपयोग किसी को शिक्षित करने में नहीं करता है तो उसे अगर गद्दार की संज्ञा दी जाए तो गलत नहीं होगा। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह मौजूद रहे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.