Rajasthan Assembly Elections: चुनाव आयोग ने दिया कांग्रेस को झटका, पार्टी के इन सात गारंटियों के विज्ञापन पर लगाई रोक

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 24 मार्च 2014 के निर्देश में सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को यह निर्देशित किया है कि कोई भी विज्ञापन, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है, का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है, लेकिन आपके द्वारा उन निर्देशों की अनुपालना किए बिना इन संदेशों के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।

1531

 राजस्थान निर्वाचन विभाग ने कांग्रेस की ओर से जारी सात गारंटियों के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। आमजन को वॉयस कॉल के जरिए गारंटियों के बारे में बताना और उनसे रजिस्ट्रेशन करवाने के विज्ञापन को आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में मानते हुए रोक लगाई है।

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में जनता के पास लगातार मोबाइल नंबर से रिकॉर्डेड कॉल आ रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आवाज में कांग्रेस की सात गारंटियों के बारे में जानकारी दी जा रही है और उसका लाभ लेने के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन करने की अपील की जा रही है। ये रजिस्ट्रेशन कॉल के दौरान ही किया जाता है। इस विज्ञापन को लेकर पिछले दिनों भाजपा ने आपत्ति जताते हुए शिकायत की थी। इस पर निर्वाचन विभाग ने जब इसकी जांच करवाई तो पता चला कि इस विज्ञापन को निर्वाचन विभाग की ओर से बनाई राज्यस्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर ही नहीं करवाया गया है।

चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की ओर से राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और महासचिव के नाम भेजे नोटिस में लिखा है कि राज्यस्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति के संज्ञान में आया है कि आपके राजनीतिक दल द्वारा अपने चुनाव प्रचार से संबंधित 2 आईवीआरएस/ओवीडी संदेश राज्यस्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से प्रसारण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना प्रसारित किए जा रहे हैं। एक संदेश अशोक गहलोत की आवाज में सात गारंटियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फोन नंबर 1204477631 के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा है। दूसरा संदेश मोबाइल नंबर 8587070707 पर मिस्ड कॉल करने के बाद ‘नमस्कार जी, आपको बधाई। आपका नंबर गारंटियों के लिए सफलतापूर्वक रजिस्टर कर लिया गया है, प्रसारित हो रहा है।

Uttarakhand Government कर्मचारियों से संबंधित इन दो अहम मामलों में जल्द लेगी फैसला

दिया ये निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 24 मार्च 2014 के निर्देश में सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को यह निर्देशित किया है कि कोई भी विज्ञापन, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है, का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है, लेकिन आपके द्वारा उन निर्देशों की अनुपालना किए बिना इन संदेशों के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।

ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रोकने का आदेश
आपको आदेश दिया जाता है कि आप उक्त दोनों ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रुकवाएं और यह स्पष्ट करवाएं कि आप द्वारा किन कारणों से बिना अधिप्रमाणन के उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की अवहेलना की गई। नियमानुसार कोई भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी अपना विज्ञापन मीडिया में चुनाव प्रचार के लिए जारी करता है तो उसे निर्वाचन विभाग की ओर से बनाई विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाना होता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.