बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से राजस्थान में मौसम एक बार फिर बदल गया है। 22 नवंबर को सुबह और रात को ठंडापन बना रहा। बीती रात पूरे राज्य में सीजन की सबसे सर्द रात रही। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर समेत अन्य शहरों में रात का तापमान इस माह में अब तक का सबसे कम रहा। शेखावाटी के सीकर, चूरू, झुंझुनूं में तापमान सिंगल डिजिट में आ गया।
हिल स्टेशन माउंट आबू में रही सबसे सर्द रात
जयपुर मौसम केन्द्र की रिपोर्ट देखें तो सीकर में 7, चूरू में 8 और पिलानी में 9.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। शेखावाटी में सुबह-शाम सूखी सर्द हवा चलने से दिन में भी सर्दी तेज रहने लगी। भीलवाड़ा में भी रात का पारा 9.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सबसे सर्द रात हिल स्टेशन माउंट आबू में रही, जहां पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। वहीं, 25 और 26 नवंबर को कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का भी अनुमान जताया गया है। पिछले चार-पांच दिनों से रात में ठिठुरन बढ़ी है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से हवा का रुख पूर्व दिशा से हो गया है। इस वजह से दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी है। देर रात सर्द अहसास हुआ।
25 नवंबर को कहीं-कहीं बारिश की संभावना
एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से दक्षिणी राजस्थान के जोधपुर व उदयपुर संभाग के जिलों में 25 नवंबर को रात के समय से कहीं-कहीं बारिश शुरू होने की संभावना है। 26 नवंबर को जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व कोटा जयपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ बारिश होने व एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है। इस दौरान उदयपुर संभाग में कहीं कहीं मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है। 27 नवंबर को कोटा, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश होने संभावना है। 28 नवंबर से तंत्र का असर धीरे-धीरे कमजोर होने से मौसम मुख्यतः शुष्क रहने तथा न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।
जयपुर में सर्दी अधिक
राजधानी जयपुर में 23 नवंबर को सर्दी के तेवर थोड़े तेज रहे। यहां रात का न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जो सीजन का सबसे कम तापमान रहा। सुबह गुनगुनी धूप निकलने से लोगों को सर्दी से थोड़ी राहत मिली। इससे पहले राजधानी में कल देर शाम सर्द हवा चली और ठिठुरन बढ़ गई। जम्मू कश्मीर में नया पश्चिमी विक्षोभ गुरुवार को सक्रिय होगा। यह मौसम को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। कश्मीर में बर्फबारी के बाद दो-तीन में कमजोर पडे़गा। इससे गुजर जाने के बाद हवा का रुख उत्तर से होगा। उत्तरी हवाओं से बर्फीली ठंडक में बढ़ोतरी होगी।