महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति (Politics) में पिछले कुछ समय से उथल-पुथल का दौर खत्म नहीं हुआ है। राज्य में पार्टियों के बीच घमासान खत्म हुआ तो मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) का मुद्दा गरमा गया। कई जगहों पर मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों (Agitators) ने हिंसक प्रदर्शन भी किया। इस बीच पिछले महीने एकनाश शिंदे गुट (Eknash Shinde Faction) के सांसद हेमंत पाटिल (MP Hemant Patil) ने भी मराठा आरक्षण के समर्थन में इस्तीफा (Resignation) दे दिया था। हालांकि, अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की ओर से हेमंत पाटिल को समन (Summons) जारी किया गया है।
हेमंत पाटिल ने शिवसेना के टिकट पर महाराष्ट्र के हिंगोली से लोकसभा चुनाव जीता था। जब शिवसेना टूटी तो वह एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गये। उन्होंने कहा था कि वह मराठा समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। पाटिल ने कहा था कि पोस्ट आएंगे और जाएंगे, लेकिन समुदाय हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा था कि मराठा समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति खराब है। इसलिए उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।
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4 दिसंबर को लोकसभा में पेश होने का आदेश
पिछले महीने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेजा था। इस्तीफे के बाद से ही पाटिल संसद की सभी बैठकों और कामकाज से दूर रह रहे थे। हालांकि, अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पाटिल को समन जारी कर 4 दिसंबर को लोकसभा में पेश होने का आदेश दिया है।
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