महाराष्ट्र में शिवसेना के विभाजन(split in Shiv Sena) के उपरांत लगभग इसी तर्ज पर जब एनसीपी (NCP) भी दो गुटों में बंटी ,उसके बाद ठाणे जिला में एनसीपी के दोनों गुटों में भी आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। 2 दिसंबर को एक पत्रकार वार्ता में एनसीपी अजीत गुट के ठाणे जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे (Thane District President Anand Paranjape) ने पूर्व मंत्री और मुंब्रा एनसीपी विधायक जीतेन्द्र आव्हाड(Former minister Jitendra Awhad) पर आरोप लगाया है कि जब वे स्वयं कांच के घर में बैठे हुए हैं, उस सूरत में आव्हाड उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर निराधार और मिथ्या आरोप कैसे लगा सकते हैं।
जीतेंद्र आव्हाड पर आरोपों की बौछार
ठाणे में एनसीपी अध्यक्ष के रूप में लम्बे समय तक जीतेन्द्र आव्हाड के साथ काम कर चुके अजित गुट एनसीपी ठाणे अध्यक्ष आनद परांजपे ने आव्हाड को सवालों के कटघरे में रखने की कोशिश करते हुए कहा है कि उनके मंत्री परिषद के कार्यकाल में पुलिस संरक्षण में अनंत करमुसे को पीटने का बचकानापन कैसे हुआ था। वैभव कदम की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है तथा सूरज परमार की आत्महत्या के मामले में अपने बचाने की गुहार लगाने कौन गया था। आनंद परांजपे ने कहा कि अजीत दादा और धनंजय मुंडे पर पर अनर्गल आरोप सहन नहीं किये जायेंगे।
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आनंद परांजपे ने साधा निशाना
ठाणे के पूर्व सांसद और एनसीपी एपी के वर्तमान अध्यक्ष आनंद परांजपे ने बताया कि जब डेवलपर सूरज परमार की आत्महत्या के मामले में एनसीपी के विपक्षी नेता नजीब मुल्ला और समूह नेता हनमंत जगदाले को गिरफ्तार किया गया था, तब डॉ. जीतेन्द्र आव्हाड को खुद को अपना बचाव करने की क्या जरुरत आ पड़ी थी।
ठाणे एनसीपी द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में आनंद परांजपे ने यह भी बताया कि 30 नवंबर और 1 दिसंबर को एनसीपी के कर्जत में वैचारिक मंथन शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने समापन भाषण में कहा है कि जब शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो उनके इस्तीफे को वापस लेने के लिए मेरे नेतृत्व में सबसे पहले ठाणे बैलार्ड एस्टेट और यशवंतराव चव्हाण केंद्र पर विरोध प्रदर्शन किया गया था ।
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