रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। साथ ही मुख्य नीतिगत रेपो रेट (repo rate) को लगातार पांचवीं बार 6.50 फीसदी (6.50 percent) पर बरकरार रखते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ सात फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से लिया निर्णय
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आज मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (mpc) ने सर्वसम्मति से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करते हुए रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। दास ने कहा कि इसके फलस्वरूप स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 फीसदी और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75 फीसदी पर बनी हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी
उन्होंने छह दिसंबर से चल रही तीन दिवसीय एमपीसी की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ सात फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। यह तीसरी तिमाही में 6.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 6 फीसदी रहेगी। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी, दूसरी तिमाही के लिए 6.5 फीसदी और तीसरी तिमाही के लिए 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
आखिरी बार फरवरी 2023 में हुई थी बढ़ोतरी
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर जस का तस रखा है। आखिरी बार फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.50 फीसदी किया था, तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज देता है।
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