Land dispute: जमीन संबंधी धोखाधड़ी और विवाद से बचना है, तो जरूर पढ़ें यह खबर

जब जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक रहेगा, तो अवैध रूप से किसी व्यक्ति की जमीन कोई और व्यक्ति नहीं बेच सकता है। यदि कोई धोखाधड़ी से किसी की जमीन बेचने का प्रयास करेगा। तो वैध जमीन मालिक के मोबाइल पर मैसेज आएगा।

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जमीन विवाद (Land dispute) पर अंकुश लगाने एवं भू-माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए जमीन के जमाबंदी से आधार (Aadhaar) और मोबाइल (mobile) को लिंक करने का काम तेजी से चल रहा है। सभी राजस्व कर्मचारी प्रत्येक दिन कैंप लगाकर आधार और मोबाइल नंबर लिंक (link)कर रहे हैं। लेकिन प्रचार-प्रसार के बाद भी लोग इसके लिए प्रेरित नहीं हो रहे हैं।

जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक निःशुल्क 
जिले में 12 लाख 39 हजार 542 जमाबंदी में से अब तक करीब एक लाख लोगों का आधार और मोबाइल नंबर लिंक कर दिया गया है, जो कि 7.95 प्रतिशत है। जमाबंदी से आधार लिंक करने में डंडारी प्रखंड 12 प्रतिशत लिकिंग के साथ सबसे आगे है, वहीं तेघड़ा प्रखंड तीन प्रतिशत के साथ सबसे पीछे है। जबकि, जिला राजस्व विभाग लगातार कैम्प के माध्यम से निःशुल्क जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक करवा रही है।

अवैध रूप से जमीन की नहीं होगी बिक्री :
जब जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक रहेगा, तो अवैध रूप से किसी व्यक्ति की जमीन कोई और व्यक्ति नहीं बेच सकता है। यदि कोई धोखाधड़ी (fraud) से किसी की जमीन बेचने का प्रयास करेगा। तो वैध जमीन मालिक के मोबाइल पर मैसेज आएगा। उस मैसेज को बिना अप्रूव के यह जालसाजी नहीं किया जा सकता है। वर्तमान समय में ऐसा माना जा रहा है कि 75 प्रतिशत मारपीट और हत्या (assault and murder) की घटना का मुख्य कारण जमीनी विवाद है।

आधार देने में लोग करते हैं आनाकानी :
जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक करने में विभागीय पदाधिकारी और कर्मियों को क्षेत्र में काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। विभाग के पदाधिकारी कहते हैं कि गांव-घर में जब राजस्व कर्मचारी एवं अंचल कर्मी जमाबंदी को सुरक्षित करने के लिए आधार और मोबाइल नंबर की मांग करते हैं, तो लोगों को लगता है कि मेरे खाते से कहीं पैसा ना निकल जाएं। जब तक उन्हें पूरी तरह से विश्वास नहीं होता वो आधार कार्ड देने से खूब कतराते हैं।

जमाबंदी वाले जमीन का ही आधार-मोबाइल होगा लिंक :
राजस्व विभाग का कहना है कि अभी वैसे जमीन का आधार और मोबाइल लिंक हो रहा है, जिस जमीन का जमाबंदी कायम हो चुका है। खतियानी जमीन ले लिए पहले कागजी बंटवारा और जमाबंदी (मोटेशन) कराना होगा, उसके बाद ही आधार लिंक हो पाएगा। राजस्व विभाग का कहना है कि आने वाले समय में अंचल के कर्मी घर-घर जाकर जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक करने का काम करेंगे, इसके साथ ही लोगों को प्रेरित करेंगे।

भूमि-विवाद की समस्या में आएगी कमी :
सरकार एवं राजस्व विभाग का मानना है कि जब लोग अपनी जमीन जमाबंदी को आधार और मोबाइल से लिंक करवा लेंगे तो जमीनी विवाद की समस्याओं में कमी आएगी। न्यायालय में जमीन से जुड़ा कोई मामला चल रहा होगा तो उसका भी अपडेट मैसेज के माध्यम से मिलता रहेगा। इस कार्य के लिए किसानों को जागरूक होने की जरूरत है। इसके अलावा वैसा जिस जमीन का रकवा, लगान, खाता, खेसरा आदि में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो उसे ठीक किया जा रहा है।

सभी लोग उठाएं इस अनिवार्य सेवा का लाभ : राजस्व शाखा प्रभारी
जिला राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक करने का काम पूरे जिले में चल रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा लगातार लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। जमाबंदी से आधार और मोबाइल लिंक करने से अवैध रूप से जमीन की खरीद-बिक्री पर तो रोक लगेगा ही। इसके साथ जबरदस्ती जमीन हड़पने पर भी रोक लग जाएगा। सभी लोगों को इस मुफ्त अनिवार्य सेवा का लाभ लेना चाहिए। (हि.स.)

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