…और कमल कुम्हलाया! सांगली के बाद जलगांव में ‘नव ग्रह’ की वक्रदृष्टि

जलगांव महानगर पालिका में महापौर और उपमहापौर चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण सियासी उलटफेर हुआ है। एकनाथ खडसे के भाजपा से अलग होने के बाद ही आशंका लगने लगी थी कि उनके निष्ठावान नगरसेवकों का रुख अब क्या होगा।

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जलगांव महानगर पालिका में भाजपा के कुलभूषणों से नवग्रहों की युति बनी और कमल कुम्हला गया है। यहां पर भाजपा के नगरसेवकों का मन मोहकर शिवसेना ने महापौर के पद पर कब्जा कर लिया है जबकि उपमहापौर पद पर भाजपा के स्वतंत्र गुट के नेता की जीत हुई है। इसके लिए एकनाथ खडसे के राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन थामने के बाद से ही प्रयत्न चल रहे थे।

सांगली में जयंत पाटील ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को जोरदार झटका देते हुए भाजपा के हाथ से सत्ता छीन ली थी। अब जलगांव में यह शिवसेना ने किया है। लेकिन भाजपा की टूट में जितने नगरसेवकों ने स्वतंत्र गुट बनाया है वे सभी एकनाथ खडसे के निष्ठावान हैं। इसमें शिवसेना और भाजपा के नव ग्रहों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। जिसके कारण भाजपा के 27 नगरसेवक टूट गए हैं। मतदान में महौपर पद के लिए खड़ी शिवसेना की उम्मीदवार जयश्री महाजन को 45 मत मिले जबकि, भाजपा की प्रतिभा कापसे को 30 मत मिले हैं। इसी प्रकार उपमहापौर पद पर भाजपा के स्वतंत्र गुट और शिवसेना समर्थक कुलभूषण पाटील को विजय मिली है।

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राष्ट्रवादी के साथ, शिवसेना पर विश्वास
भारतीय जनता पार्टी के जलगांव महानगर पालिका में 57 नगरसेवक थे। जिसमें से 27 नगरसेवक टूट गए हैं। इन लोगों ने अपना स्वतंत्रत गुट बना लिया है। भाजपा के नगरसेवकों में टूट का एक कारण एकनाथ खडसे को माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार एकनाथ खडसे के निष्ठावान इन नगरसेवकों को तोड़कर शिवसेना में शामिल कराने में स्वत: एकनाथ की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। जिसको लेकर अब कहा जा रहा है कि वे भले ही राष्ट्रवादी के साथ हैं लेकिन शिवसेना पर भी उन्हें विश्वास है। भाजपा काल में फायर ब्रांड नेता के रूप में प्रतिष्ठित एकनाथ खडसे के संबंध मातोश्री से भी करीबी रहे हैं।

नव ग्रह कौन?
शिवसेना के नव ग्रहों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे, विनायक राऊत, गुलाबराव पाटील, गजानन मालपुरे, नितिन लड्ढा, संजय महाजन और कुलभूषण पाटील शामिल हैं। इन नव ग्रहों की युति ने भाजपा का कुनबा ही तोड़ दिया है।

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व्हिप की ऐसे की बत्ती गुल
भाजपा महापौर चुनावों के लिए व्हिप जारी करनेवाली थी। लेकिन इसकी तोड़ शिवसेना और एकनाथ खडसे गुट ने ऐसी निकाली की भाजपा में ही एक स्वतंत्र गुट बना लिया। जिससे ह्विप की ही बत्ती गुल कर दी। जिसके कारण शिवसेना की महापौर जयश्री महाजन बन गईं तो भाजपा के कुलभूषण पाटील उपमहापौर बन गए हैं।

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