जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक (Jammu and Kashmir Reservation Bill) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक (Jammu and Kashmir Reorganization Bill) सोमवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा (Rajya Sabha) में विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया। बिल 6 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पारित किए गए थे।
राज्यसभा में संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि वह संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 370 (Article 370) में संशोधन के केंद्र सरकार के 2019 के कदम पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करते हैं। इस फैसले के साथ, पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा समाप्त हो गया। कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने वाले संवैधानिक आदेश को वैध माना। शाह ने कहा कि विपक्ष ने लगतार आरोप लगाए। अमित शाह ने कहा कि धारा 370 हटाना संवैधानिक फैसला है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे फैसले को बरकरार रखा: अमित शाह
राज्यसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे फैसले को सही ठहराया है। न्यायालय ने भी माना है कि राष्ट्रपति शासन लगाना कोई गलत फैसला नहीं था। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के दावे को खारिज कर दिया है।
शाह ने विपक्ष को दी सलाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 के स्थायित्व पर जोर दे रहे हैं, वे संविधान और संविधान सभा का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर संविधान ने अपनी वैधता खो दी है। इसके अलावा, अमित शाह ने आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा, जो उन्होंने पहले किया था, उचित समय पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि आप लोगों को अनुच्छेद 370 पर आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करना चाहिए।
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