देश में टोल नाका को लेकर केंद्र सरकार बड़ी योजना पर कार्य कर रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इस बारे में जानकारी दी। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाए गए सभी टोलनाकों को बंद कर दिया जाएगा। इससे वाहन अबाधित गति से दौड़ पाएंगे। लेकिन टोल वसूली में कोई रियायत नहीं होगी, टोल के पैसे बराबर कटेंगे।
अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने संसद में गढ़ मुक्तेश्वर के पास सड़क पर नगर निगम की सीमा में टोल बूथ का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में गडकरी ने ये जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 93 फीसदी वाहन फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। बाकी 7 फीसदी वाहन धारकों ने दोगुना टोल का भुगतान करने के बावजूद इसे नहीं लिया है। उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि वे सदन को बताना चाहते हैं कि अगले एक वर्ष में सभी टोल बूथ हटा दिए जाएंगे।
टोल से मुक्ति नहीं
यदि आप समझ रहे हैं कि टोल नाका हटाने का मतलब सरकार टोल वसूली से मुक्ति देनेवाली है तो भूल जाईये। सरकार टोल नाकों पर लगनेवाली वाहनों की कतार, समय व ईंधन की बर्बादी को खत्म करने के लिए टोल नाके बंद करने जा रही है। इसमें एक वर्ष का समय लगेगा।
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ऐसे होगी टोल वसूली
गडकरी ने बताया कि देश में बेरोटकोट आवाजाही के लिए गाड़ियों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसमें वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल सीधे बैंक खाते से काट लिया जाएगा।
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फास्टैग का इस्तेमाल नहीं करनेवालों पर होगी कार्रवाई
उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया गया है, जो फास्टैग का उपयोग नहीं कर रहे हैं। अगर वाहन में फास्टैग नहीं लगा है तो उसे टोल चोरी और जीएसटी चोरी के मामले दर्ज किए जाएंगे। टोल नाकों पर ट्रैफिक जाम की शिकायतों को दूर करने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया है। इससे वाहन ऑटोमैटिक तरीके से बगैर लाइन में लगे टोल प्लाजा पर टोल भर सकते हैं।
खास बातें
- फास्टटैग टोल प्लाजा पर शुल्क के इलेक्ट्रोनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
- 2016 में इसे लाया गया था।
- 16 फरवरी से जो वाहन फास्टैग से टोल नहीं भरते, उन पर डबल टोल शुल्क वसूला जा रहा है।
- नये वाहनों में फास्टैग लगे हुए हैं, जबकि पुराने वाहनों के लिए सरकार मुफ्त फास्टैग उपलब्ध कराएगी।
इस देश में है ये तकनीकी
नितिन गडकरी ने बताया कि रूस में ऑटोमेटेड टोल सिस्टम लागू है। उसे इस प्रक्रिया में अच्छी विशेषज्ञता है। इसमें दूरी के अनुसार टोल बैंक अकाउंट से काटा जाता है। एक वर्ष में यह व्यवस्था हमारे देश में लागू हो जाएगी। मंत्री ने आगामी पांच वर्षों में टोल कलेक्शन के 1.34 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का भरोसा व्यक्त किया है।