उड़ीसा सरकार ने श्री जगन्नाथ मंदिर के अधीन 35 हजार एकड़ जमीन बेचने के निर्णय पर कार्य शुरू कर दिया है। इसको लेकर देश में सोशियल मीडिया पर प्रतिसाद देखने को मिला है। इसमें सोशियल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने प्रश्न उठाया है कि हिंदू धार्मिक संस्थानों पर ही सरकार का प्रभुत्व क्यों होता है?
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने श्री सिद्धिविनायक मंदिर की तिजोरी से 3 करोड़ रुपए ले लिये थे। इन पैसों का उपयोग 5 रुपए में शिवभोजन थाली देने के लिए राज्य सरकार ने किया। इसके अलावा तिरुपति बालाजी देवस्थान के फंड के लिए भी आंध्र प्रदेश सरकार ऐसे प्रयत्न करती रही है।
हिंदू मंदिरों के धन, संपत्ति पर सरकारों के अधिकार को लेकर लगातार विरोध के स्वर उठते रहे हैं। उड़ीसा सरकार द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिर की 35 हजार एकड़ भूमि को बेंचने का निर्णय सोशल मीडिया पर यूजर्स के आक्रोष का शिकार हो गया है।
The British in collusion with local leaders in Orissa took over the properties of the famed Puri Jagannath temple in 1878.
Hindu Religious and Charitable Endowments Act (HRCE Act) was introduced by the proxies of the British to continue the control of Temples#FreeHinduTemples pic.twitter.com/GvwpIeWCQE
— Kshama gupta (@kshamagupta12) March 14, 2021
इस विषय को लेकर हिंदू जनजागृति समिति ने मंदिर के धन, संपत्ति में गड़बड़ी, उसके गैर उपयोग करने के चल रहे कार्यों को उठाया गया है।
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इस प्रकार एक अन्य ट्विटर यूजर मेजर सुरेंद्र पुनिया ने लिखा है कि ये आश्चर्यजनक है। क्या सरकार चर्च, मस्जिद, बुद्धिष्ट धार्मिक स्थान और गुरुद्वारों की संपत्ति बेच सकती है?
Shocking & Unacceptable !
Odisa Govt selling 35000 Acres land of Jagannath temple.
They already sold 315 Acres !
Can Govt sell land of Church, Mosque,Buddhist temple or Gurudvaara ? NO
Then why temple’s land ? Why ? @Naveen_Odisha Sir,Any plan to sell Jagannath temple also ?? pic.twitter.com/FFBCmDDi8g— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) March 17, 2021
इसी प्रकार चेतना प्रभु ने लिखा है कि उड़ीसा सरकार जगन्नाथ मंदिर की 35 हजार एकड़ की भूमि बेचने जा रही है। यह सेकुलर सरकार की एक और घृणित कोशिश है। इसके विरुद्ध हिंदुओं को एक होना चाहिए और विरोध करना चाहिए।
Odisha Govt to sell over 35,000 acres of Jagannath temple land
This is another examples of ill-effects of takeover of temples by so-called ‘secular’ Govt ! Now Hindus need to unite&thwart such attempts to usurp properties belonging our temples !#SaveJagannathLands pic.twitter.com/IHAb7sp7X8
— CHETHANA PRABHU (@Ravalanath) March 18, 2021
ये है प्रकरण
- उड़ीसा की बीजू जनता दल सरकार ने श्री जगन्नाथ मंदिर की 35 हजार एकड़ भूमि बेचने का निर्णय लिया है।
- उड़ीसा के 24 जिलों में फैली है संपत्ति
- यह भूमि उड़ीसा के अलावा अन्य छह राज्यों में है।
- उड़ीसा विधानसभा में कानून मंत्री प्रताप जेना ने घोषणा की
- उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल बी.डी शर्मा की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी की अनुशंसा पर किया गया निर्णय
इस बीच श्री जगन्नाथ मंदिर कार्यालय द्वारा जारी एक ट्वीटर संदेश में इस खबर को पूरी तरह से गलत बताया गया है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों से ऐसी गलत खबरों से भ्रमित न होने की अपील की है।
It is again reiterated that the reporting that 35,000 acres of land of Shree Jagannatha Mahaprabhu will be sold, is totally false & motivated. We urge the people of Odisha & millions of devotees of Lord Jagannatha to not be misguided by such malicious lies &false reporting. (7/7)
— Shree Jagannatha Temple Office, Puri (@SJTA_Puri) March 18, 2021
Join Our WhatsApp CommunityIt is important to note that from 2001 to 2010, 291 acres of land was settled and from 2011 to 2021, 96 acres of land have been settled. These have been settled for the benefit of the public mostly in the form of schools, medical college, roads, etc. (5/7)
— Shree Jagannatha Temple Office, Puri (@SJTA_Puri) March 18, 2021