Maharashtra: ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ को लेकर शासन अत्यंत गंभीर, सीएम शिंदे ने दिया यह आश्वासन

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार की क्या विचारधारा है, यह आपको पता है । लव जिहाद के संदर्भ में राज्य सरकार ने एक-एक कर निर्णय लेना प्रारंभ कर दिया है ।

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Maharashtra: ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ (‘anti-love jihad law) बनाने के विषय में शासन अत्यंत गंभीर है । कानून के संदर्भ में राज्य शासन ने अनेक कदम उठाए हैं । शीघ्र ही इस संदर्भ में शासन के निर्णय का आप सबको पता चलेग। ऐसा स्पष्ट आश्वासन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने दिया । वे ‘लव जिहाद’ (love jihad) के विरोध में पूरे महाराष्ट्र में निकाले गए विविध मोर्चाें के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे । इस दौरान मुख्यमंत्री सहित राज्य के ग्रामविकासमंत्री गिरीश महाजन, सहायता एवं पुनर्वास मंत्री संजय राठोड, शिवसेना के मुख्य प्रतोद विधायक भरतशेठ गोगावले तथा विधायक प्रताप सरनाईक भी उपस्थित थे ।

लव जिहाद पर सरकार ने निर्णय लेना शुरू कर दिया है
शासन की भूमिका स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार की क्या विचारधारा है, यह आपको पता है । लव जिहाद के संदर्भ में राज्य सरकार ने एक-एक कर निर्णय लेना प्रारंभ कर दिया है । शासन की भूमिका क्या है, यह हमने प्रतापगढ़ पर कृति कर दिखा दिया है । इसलिए शासन आपकी भूमिका से पूर्णतः सहमत है । कानून के विषय में शासन ने क्या किया है, इसके लिए मुंबई में निर्धारित लोगों की एक बैठक आयोजित कर उसमें आपको जानकारी दी जाएगी ।

महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ के विरोध में निकाले गये 50 से अधिक मोर्चे
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति (Hindu Janajagruti Samiti) के राज्य संगठक सुनील घनवट ने कहा, महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ के विरोध में प्रत्येक जिले, तहसील तथा शहर में लाखों की संख्या में 50 से अधिक मोर्चे निकाले गए थे । इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में भी ‘लव जिहाद’ के विरोध में कठोर कानून बनाया जाएगा, ऐसा आश्वासन दिया था; परंतु अब एक वर्ष बीतने के उपरांत भी लव जिहाद विरोधी कानून नहीं बना है । इसके विपरीत देश के उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों ने ‘लव जिहाद’ के विरोध में कानून बना दिया है । महाराष्ट्र में भी शीघ्र कानून बने, ऐसी इस शिष्टमंडल की मांग है ।

शिष्टमंडल में शामिल थे कई हिन्दू संगठन
हिन्दू संगठनों (Hindu organizations) की ओर से शिष्टमंडल में ‘हिन्दू जनजागृति समिति’, ‘श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान’, ‘सकल हिन्दू समाज’, ‘विश्व हिन्दू परिषद’, ‘बजरंग दल’, ‘हिन्दू विधिज्ञ परिषद’, ‘सनातन संस्था’, ‘संकल्प हिन्दू राष्ट्र अभियान’, ‘अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ’, ‘राष्ट्रीय युवा गठबंधन’, ‘सर्वभाषिक बाह्मण महासंघ’, ‘चित्पावन ब्राह्मण महासंघ’ आदि विविध संगठनों के पूरे राज्य के मान्यवर सम्मिलित हुए थे । इसमें प्रमुख रूप से अधिवक्ता वैशाली परांजपे, स्नेहल जोशी, सुनील घनवट, शंकर देशमुख, पराग फडणीस, कमलेश कटारिया, नितीन वाटकर, धनंजय गायकवाड, कैलास देशमुख, सागर देशमुख, आशिष सुंठवाल, गौरव बैताडे, रवी ग्यानचंदानी, उमाकांतजी रानडे, राहुल पांडे, श्रीकांत पिसोळकर, अभिजीत पोलके तथा करण थोटे का समावेश था।

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