शिवसेना की बिहार में एकबार फिर जोर आजमाइश , 50 सीटों पर लड़ने की तैयारी

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मुंबई। बिहार विधानसभा के चुनावी अखाड़े में शिवसेना इस बार फिर ताल ठोंकने की तैयारी में है। शिवसेना कार्याध्यक्ष व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। शिवसेना की बिहार इकाई ने राज्य की  कुछ चुनिंदा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है, फिलहाल इस पर मंथन जारी है। हालांकि मिल रही खबरों के मुताबिक बिहार शिवसेना के पदाधिकारी चाहते हैं कि बिहार विधान सभा चुनाव  में 50 सीटों पर शिवसेना अपने उम्मीदवार उतारे।
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने स्पष्ट कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  पार्टी के बिहार चुनाव लड़ने पर अपनी सहमति दे दी है। लेकिन कितने किन सीटों पर चुनाव लड़ना है, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
बिहार पार्टी प्रमुख ने की राउत से मुलाकात
इस ममाले में बिहार शिवसेना प्रमुख कौशलेन्द्र शर्मा ने पार्टी के सांसद संजय राउत से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराया है। साथ ही, 50 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची भी सौंपी है। इसके बाद पार्टी में बिहार चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। राउत ने कहा है कि पार्टी अपने हिंदुत्व की विचारधारा पर कायम है। इससे माना जा रहा है कि बिहार चुनाव में हिंदुत्व ही शिवसेना का मुद्दा होगा। हालांकि बिहार के पार्टी प्रभारी कौशलेन्द्र शर्मा का कहना है कि बिहार में शिवसेना भूमिपुत्रों के अधिकार, शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी।
2015 में 88 सीटों पर लड़ी थी शिवसेना
शिवसेना के बिहार प्रभारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने बिहार में अपने 88 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से  कई प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी । लेकिन शिवसेना को 2 लाख 11 हजार 131 वोट हासिल हुए थे। विगत चुनाव में जिन प्रत्याशियों ने बेहतर प्रदर्शन किया था, उनमें से  इस बार 15 प्रत्याशियों पर पार्टी फिर दांव लगाना चाहती है। शर्मा ने बताया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में एम्स की रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि इस मामले में शिवसेना का कोई रोल नहीं है। इससे बीजेपी का प्रोपेगेंडा नाकाम हो गया है, जिसका चुनाव में हमें फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2015 के विधान सभा चुनाव में 243 सीटों में से राजद को सबसे ज्यादा 80 सीट हासिल हुई थी, जबकि जनता दल यू को 71 और भाजपा को 53 सीट पर जीत मिली थी,जबकि शिवसेना का खाता भी नहीं खुला था। यही वजह है कि शिवसेना पिछले साल पटखनी खाने के बाद इस बार  सिर्फ 50 सीट पर अपना भाग्य आजमाना चाहती है।
फडणवीस और संजय राउत की रहस्यमय बैठक
पिछले दिनों मुम्बई के हयात होटल में  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और संजय राउत की करीब दो घंटे बैठक चली थी । बैठक की ख़बर लीक होने के बाद दोनों नेताओं ने सफाई दी थी कि सामना  में एक इंटरव्यू को लेकर मीटिंग हुई थी, लेकिन शिवसेना द्वारा अब बिहार चुनाव में अपने उमीदवार उतारे जाने की तैयारी के बाद यह साफ़ हो गया कि उस मीटिंग के एजेंडे क्या थे। बताया जा रहा है कि बैठक में राउत ने बिहार में अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने को लेकर फडणवीस से बात की थी, जिस पर फडणवीस ने कहा था कि इसमें उन्हें कोई ऐतराज नहीं है।

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