उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा फटी जींस पहननेवाली महिलाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान का मामला ठंढा भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश में इसी तरह के प्रकरण ने तूल पकड़ लिया है। दरअस्ल लखनऊ विश्वविद्यालय के हॉस्टल के नोटिस बोर्ड पर एक सूचना जारी की गई है। इस नोटिस में लिखा गया है कि छात्राओं को शॉर्ट्स, मिनीस्कर्ट, माइक्रो स्कर्ट पहनने पर पेनाल्टी लगाया जाएगा। इस नोटिस की सोशल मीडिया पर जोरदार आलोचना की जा रही है।
वीसी ने कही ये बात
लखनऊ विश्वविद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाए गए इस नोटिस के वायरल होने से हड़कंप मच गया है। इसके बाद विश्वविद्यालय के वीसी ने खुद आकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस तरह का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि विश्वविद्यालय द्वार जारी नोटिस हमेशा कंप्यूटर लिखित होते हैं, जबकि यह नोटिस हाथ से लिखा गया है। उन्होंने इसे शरारत बताते हुए मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है।
उत्तराखंड के सीएम के बयान पर हुआ विवाद
इससे पहले 16 फरवरी को उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भौतिकवाद की चकाचौंध के पीछे आज का नौजवान ही नहीं,युवतियां भी भाग रही हैं। जो देखा, वही करने लगे। टीवी पर देखा बढ़िया जींस का विज्ञापन तो दूसरे दिन वही आ जाती है। उनकी पहली पंसद होती है फटी जींस, जो फटी हुई जींस पहना, वो बड़े बाप का बेटा हो गया। फटी हुई जींस स्टेटस सिंबल बन गया है।
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इन्होंने की आलोचना
सीएम रावत के इस बयान की तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के साथ ही अन्य कई महिलाओं ने भी ट्विटर पर निशाना साधा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सोच बदलने की सलाह दी है।