मनसुख हिरेन मृत्यु प्रकरण: मुंबई क्राइम यूनिट के उस अधिकारी से एटीएस को राज खुलने की उम्मीद

मुंबई पुलिस के अधिकारियों का अंबानी सुरक्षा प्रकरण और मनसुख हिरेन मृत्यु प्रकरण में जांच के दायरे में फंसना जारी है। एटीएस और एएनआई इस पूरे प्रकरण की अलग-अलग जांच कर रही है। इस बीच अंदेशा है कि एएनआई इस पूरे प्रकरण की जांच ही अपने हाथ में ले लेगी।

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मुंबई के आतंकवाद निरोधी पथक क्राइम यूनिट के एक अधिकारी से पूछताछ कर रही है। यह अधिकारी कई यूनिट का मुखिया रह चुका है। हिरेन मनसुख मृत्यु के मामले में हत्या के कोण से जांच चल रही है। इसी संबंध में एटीएस का दल ये जांच कर रहा है।

इस बीच जानकारी मिली है कि एटीएस सचिन वाजे की कस्टडी के लिए भी प्रयत्न कर रहा है। शुक्रवार को सचिन वाझे की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। इसी बीच एटीएस भी न्यायालय में प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत करके सचिन वाझे की कस्टडी मांगेगी। सचिन वाझे फिलहाल एनआईए की कस्टडी में है।

एटीएस को आशा है कि वो जिस अधिकारी से पूछताछ कर रही है उससे इस पूरे प्रकऱण में कई राज की बातें पता चल सकती हैं। सचिन वाझे की गहन पूछताछ और उसकी गाड़ियों की जब्ती ने वैसे ही इस मामले में कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका को उजागर कर दिया है। इस स्थिति में अब ऐसे अधिकारियों से पूछताछ, यदि लगता है तो संदिग्ध अधिकारियों की धरपकड़ करके एटीएस भी अपनी जांच को परिणाम तक पहुंचाने के प्रयत्न में है।

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आयुक्त से दूरी
गृहमंत्री अनिल देशमुख इस बीच एक चैनल पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने इस शो में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का स्थानांतरण असामयिक है। इसका कारण उनकी संदिग्ध गतिविधियां है। जिसके कारण इतनी परेशानी झेलनी पड़ी है।

बता दें कि, कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र खत्म हुआ है। इसमें गृहमंत्री और पूरी सरकार सचिन वाझे और आयुक्त की भूमिका को लेकर बीच बचाव करते नजर आ रहे थे।

 

 

 

 

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