Haryana: गेस्ट टीचरों के लिए बुरी खबर, सरकार ने लिया यह निर्णय

हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने गेस्ट शिक्षकों की रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाया है।

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Haryana सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों (Guest teachers working in government schools of the state) की सेवाओं को नियमित नहीं करेगी। साथ ही उन्हें नौकरी से हटाया भी नहीं जाएगा। वह सेवानिवृत्त उम्र यानी 58 साल(Retirement age i.e. 58 years) के होने तक सेवाओं में बने रहेंगे। इसके लिए राज्य सरकार वर्ष 2019 में गेस्ट शिक्षकों को रोजगार की गारंटी(Employment guarantee) का कानून बना चुकी है। यह जानकारी 18 दिसंबर को विधानसभा सत्र(Assembly session) के दौरान राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जरState School Education Minister Kanwar Pal Gurjar) ने कही है।

सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने 18 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल के दौरान गेस्ट शिक्षकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 2005 में 20 हजार के करीब गेस्ट टीचर लगाए थे। अतिथि अध्यापकों की भर्ती इसलिए की गई थी, क्योंकि उस समय स्कूलों में स्टॉफ की जरूरत थी और नियमित भर्ती इतनी जल्दी कर पाना संभव नहीं था। वर्तमान में 13 हजार के करीब गेस्ट टीचर कार्यरत हैं। पंवार ने कहा कि सरकार गेस्ट शिक्षकों को नियमित करे।

गेस्ट शिक्षकों की रोजगार गारंटी के लिए कानून
विधायक पंवार के इस प्रश्न के जवाब में राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने गेस्ट शिक्षकों की रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाया है। उन्हें सेवानिवृत्त उम्र तक नहीं हटाया जाएगा। अतिथि अध्यापकों के वेतन-भत्ते नियमित शिक्षकों से कम होने के पंवार के सवाल पर गुर्जर ने कहा कि अतिथि अध्यापकों के वेतन में साल में दो बार – जनवरी और जुलाई में बढ़ोतरी होती है।

पहले नियमित शिक्षकों के ताबदले
अतिथि अध्यापकों के ऑनलाइन तबादलों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश दिए हुए हैं कि पहले नियमित शिक्षकों के तबादले होंगे। इसके बाद अतिथि अध्यापकों के ट्रांसफर ड्राइव में शामि किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, अतिथि अध्यापकों ने सोमवार को पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर प्रदर्शन किया। नियमित करने की मांग कर रहे शिक्षकों ने कहा कि भाजपा ने 2014 के चुनावी घोषण-पत्र में शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था।

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