Lok Sabha ने 20 दिसंबर को भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023(Indian Telecom Bill 2023) को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विधेयक को पारित करने के बाद सदन दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। यह बिल 18 दिसंबर को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव(Communications Minister Ashwini Vaishnav) ने पेश किया था।
लोकसभा ने 20 दिसंबर को 1885 के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1933 के भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम को बदलने के लिए दूरसंचार विधेयक, 2023 पारित कर दिया। विधेयक का उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क के विकास, विस्तार और संचालन, स्पेक्ट्रम के असाइनमेंट और संबंधित मामलों से संबंधित कानून में संशोधन और समेकित करना है। यह विधेयक अब चर्चा और विचार-विमर्श के लिए राज्यसभा में जाएगा।
भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक
इससे पहले केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में दूर संचार विधेयक 2023 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह बिल आज के भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक है। वैष्णव ने कहा कि 1885 का कोलोनियल बिल इंडियन टेलीग्राफ एक्ट को रिपील करके आज की जरूरतों और अर्थव्यवस्था के हिसाब से आज के भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप एक नया बिल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लेकर आई है। उन्होंने कहा कि यह बिल आज के भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक है।
डिजिटल इंडिया की क्रांति
वैष्णव ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों में भारत में डिजिटल इंडिया की ऐसी क्रांति आई है, जिससे देश के जन-जन के मन और जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। साढ़े नौ वर्षों में टेलीकॉम का व्यापक प्रसार हुआ है। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जिम्मेदारी संभाली थी उस समय देश में मात्र 6.25 लाख टेलीकॉम के टावर (बीटीएस) हुआ करते थे, आज 25 लाख से अधिक टेलीकॉम के टावर हैं। ब्रॉडबैंड (इंटरनेट) की सर्विस लेने वालों का आंकड़ा 2014 में महज डेढ़ करोड़ था, जो आज 85 करोड़ से अधिक है। दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी का रोलआउट भारत में हुआ है, केवल 14 महीनों में 4 लाख से अधिक 5जी के टावर देश में लगाए गये हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में रिफॉर्म और प्रक्रिया के सरलीकरण के कारण 85 प्रतिशत टावर की क्लीयरेंस (अनुमति) बटन दबाते ही अर्थात जीरो टाइम में मिल रही है। टावर और अन्य अनुमति को लेकर उन्होंने कहा कि साढ़े नौ वर्ष पहले जहां औसत 230 दिन लगते थे, वहीं आज यह काम औसत 10 दिन में राइट ऑफ वे मिल जाता है।
चार क्षेत्र आज एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में उभरा है
वैष्णव ने कहा कि संचार क्षेत्र आज एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में उभरा है। इस सेक्टर से देश की अर्थव्यवस्था में एक जबरदस्त गति आती है। आज इस सेक्टर को एक नई गति देने के लिए ढांचागत सुधार वाला ये बिल सदन में प्रस्तुत है। उन्होंने कहा कि इसमें तीन बिलों को रिपील करने का प्रस्ताव था लेकिन हाल ही में एक बिल रिपीलिंग एक्ट के जरिए पहले ही रिपील हो चुका है। इस संशोधन के साथ बिल चर्चा के लिए प्रस्तुत है।