रक्षा मंत्रालय ने सेना के फायर पॉवर को बल देने के लिए एक नए निर्माण अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं। जिससे दुश्मन के टैंक के चंद क्षण में परखच्चे उड़ जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के इस अनुबंध से सेना को स्वदेशी निर्मित मिलान 2टी एटीजीएम प्राप्त होंगे। इस मिसाइल ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के बंकरों को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सेना के लिए एटीजीएम (एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल) का निर्माण स्वदेशी रक्षा क्षेत्र की पब्लिक सेक्टर की कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड करेगी। इस अनुबंध के अंतर्गत 4,960 मिलान-2टी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का निर्माण किया जाना है। जिस पर कुल लागत 1,188 करोड़ रुपए की आएगी।
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#AatmanirbharBharat #MakeInIndia
Acquisition Wing of Ministry of Defence signed a contract with Bharat Dynamics Limited for supply of 4,960 MILAN-2T Anti-Tank Guided Missiles to the Indian Army today.
https://t.co/3Li8EW4Y9Z @SpokespersonMoD @sjaju1 @adgpi @CMDBDL— Defence Production India (@DefProdnIndia) March 19, 2021
इस देश की है तकनीकी
मिलान-2टी एटीजीएम का निर्माण भले ही भारत डायनामिक्स लिमिटेड कर रही हो लेकिन, इसकी तकीनी फ्रांसिसी कंपनी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम की है।
#MoD signs contract with #BDL to supply 4,960 Anti-Tank Guided Missiles to #IndianArmy https://t.co/2h2Ci0GhcK pic.twitter.com/VEf26coSb1
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) March 19, 2021
इसकी विशेषता
मिलान-2टी एटीजीएम की क्षमता 1,850 मीटर की है। यह मिसाइल आक्रामक और रक्षात्मक दोनों कार्यों में एंटी टैंक रोल सिस्टम के रूप में तैनात किया जा सकता है, इस जमीन और वाहन से भी लांच किया जा सकता है। भारतीय सेना को 70 हजार एंटी टैंग गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता है। इसके अलावा 850 लांचर्स की भी आवश्यकता है। जो तीसरी पीढ़ी के एटीजीएम हैं और वायर गाएडेड एटीजीएम है। इस मिसाइल का उपयोग 1999 के कारगिल युद्ध में हो चुका है। जिसमें पाकिस्तानी सेना के बंकरों को नष्ट करने में इस मिसाइल ने चमत्कार ही कर दिया था।