भारत के बाहर अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए: S Jaishankar

विदेश मंत्री ने आतंकवाद पर बात करते हुए कहा, 'आप लोग यह नहीं समझें कि आतंकवाद की शुरुआत अभी हुई है। यह हमारी आजादी के समय शुरू हुआ, जब पूरे पाकिस्तान से तथाकथित हमलावर यहां आ गए।

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अमेरिका (America) में खालिस्तानी अलगाववादी ताकतों (Khalistani separatist forces) द्वारा एक मंदिर की दीवार पर आपत्तिजनक नारे लिखे जाने की घटना पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि भारत के बाहर (outside India) अलगाववादी ताकतों (separatist forces) को जगह नहीं मिलनी चाहिए। हमारे दूतावास ने वहां की सरकार और पुलिस से इसकी शिकायत की है, जांच जारी है।

हम प्रतिस्पर्धी शक्तियों के साथ संबंध बनाने में सफल रहे
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शनिवार को गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (National Defense University Convocation Ceremony) में बोल रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारतीय कूटनीति (indian diplomacy)  की उपलब्धि रही है कि हम कई प्रतिस्पर्धी शक्तियों के साथ संबंध बनाने में सफल रहे हैं। चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भू-राजनीतिक विचार अक्सर विश्वसनीय भागीदारों की पहचान करने के इर्द-गिर्द घूमते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय कूटनीति की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही कि हम अक्सर प्रतिस्पर्धी शक्तियों के साथ संबंध बनाने में सफल रहे हैं।’

सीमा पार आतंकवाद का जवाब देना चाहिए
विदेश मंत्री ने आतंकवाद पर बात करते हुए कहा, ‘आप लोग यह नहीं समझें कि आतंकवाद की शुरुआत अभी हुई है। यह हमारी आजादी के समय शुरू हुआ, जब पूरे पाकिस्तान से तथाकथित हमलावर यहां आ गए। इस देश में बहुत कुछ बदल गया है। मेरे लिए सबसे ज्यादा कोई चौंकाने और बदलाव लाने वाला समय है तो वो मुंबई का 26/11 हमला। कई लोग बहुत भ्रमित थे जब तक कि उन्होंने 26/11 के आतंकवाद की वास्तविक तस्वीरें नहीं देखी थीं।’ उन्होंने कहा, ‘अब हमें सबसे पहले इसका मुकाबला करने की आवश्यकता है। कुछ लोगों ने 26/11 के बाद भारत की दूसरा गाल आगे करने की प्रतिक्रिया की तारीफ की। जबकि मुझे नहीं लगता अब देश का यह मूड है। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई मतलब है। मुझे नहीं लगता कि इसका रणनीतिक मतलब है। अगर कोई सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास कर रहा है तो आपको जवाब देना चाहिए।’

असाधारण छात्रों को मिले 12 स्वर्ण पदक
गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में कुल 414 छात्रों को विभिन्न स्नातकीय उपाधियों से पुरस्कृत किया गया। इसमें 30 डिप्लोमा, 85 स्नातक, 169 स्नातकोत्तर, 127 स्नातकोत्तर डिप्लोमा, और 3 डॉक्टरेट की उपाधियां शामिल हैं। इस समारोह का मुख्य आकर्षण उन असाधारण छात्रों को 12 स्वर्ण पदक प्रदान करना है जिन्होंने अपने शैक्षणिक कार्यकाल के दौरान अनुकरणीय समर्पण और उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर उनकी असाधारण उपलब्धियों को सम्मानित किया।(हि.स.)

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