Maharashtra: मंत्री लोढ़ा ने जताई काॅलेजों में उद्यमिता के प्रशिक्षण की प्रतिबद्धता, कही यह बात

नयी पीढ़ी अब शिक्षा के बाद आजीविका हेतु प्रयास करने के बजाय दूसरों को आजीविका प्रदान करने में सक्षम होगी।

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Maharashtra: महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी (Maharashtra State Hindi Sahitya Academy) और जयहिंद काॅलेज, मुंबई के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चर्चा सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए महाराष्ट्र सरकार (Government) के कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा (Mangal Prabhat Lodha) ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता (Skill Development and Entrepreneurship) को कॉलेजों (colleges) से सीधे जोड़ने का संकल्प महाराष्ट्र सरकार का है और इसके लिए मुंबई के अनेक काॅलेजों में इससे सम्बंधित केंद्र स्थापित किये गये हैं।

दूसरों को आजीविका देगी नयी पीढ़ी
उन्होंने कहा कि जयहिंद काॅलेज (Jaihind College) सहित कई प्रमुख काॅलेजों में ऐसे केंद्र स्थापित कर नयी पीढ़ी को व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार पहल कर रही है। इस तरह नयी पीढ़ी अब शिक्षा के बाद आजीविका हेतु प्रयास करने के बजाय दूसरों को आजीविका प्रदान करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी का यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है। जयहिंद कॉलेज, चर्चगेट के सभागार में गुरुवार को कौशल विकास और उद्यमशीलता की महिला सशक्तिकरण में भूमिका विषय पर इस महत्वपूर्ण चर्चा सत्र का सफल आयोजन किया गया।

कार्याध्यक्ष डॉ. दुबे ने बताई अकादमी की प्राथमिकता
प्रारम्भ में दीप प्रज्ज्वलन से शुरू हुए इस चर्चा सत्र में जयहिंद काॅलेज के प्राचार्य डॉ. विजय दाभोलकर ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जयहिंद काॅलेज ऐसे सार्थक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु हमेशा तैयार है। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि हिंदी भाषा और साहित्य के साथ भारतीय भाषाओं के माध्यम से उपयोगी विषयों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करना अकादमी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रभुदास स्टाॅक कम्पनी की मुखिया अमिषा वोरा ने उद्यमिता और निवेश के महत्वपूर्ण बिंदुओं को उद्घाटित करते हुए कहा कि नयी पीढ़ी की लड़कियों को निवेश तथा आर्थिक तंत्र को समझना अत्यावश्यक है। उन्होंने स्टाॅक निवेश के तंतु को समझने पर विशेष ज़ोर दिया।

लड़़कियाॅं स्वावलम्बन की ओर कदम बढ़ायें
प्रसिद्ध समाजसेविका और अधिवक्ता आभा सिंह ने कहा कि लड़़कियाॅं स्वयं को महत्वपूर्ण मानते हुए आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनने की ओर कदम बढ़ायें, क्योंकि यही समय की मांग है और उनके आगे आये बिना भारत देश की प्रगति कल्पना मात्र रह जायेगी। उन्होंने कहा कि समय को पूंजी मानते हुए निरंतर आगे बढ़ते जाना ही एक मात्र विकल्प है। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्षा मंजू लोढ़ा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जीवन में देर भी हो जाये, तो घबराने के बजाय आगे की सोचकर कदम उठाना ही श्रेयस्कर है। संयोजिका सुधा श्रीमाली ने विषय की प्रासंगिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि शैक्षणिक विषयों के साथ व्यावहारिक विषयों के भी चर्चा सत्र आयोजित कर अकादमी नवाचार का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

भाषा और साहित्य के प्रति तत्परता
जयहिंद काॅलेज के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ रवीन्द्र तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों को भाषा, साहित्य तथा आवश्यक विषयों को जानने हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिये। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य प्रो. मार्कंडेय त्रिपाठी और गजानन महतपुरकर के अलावा महाविद्यालय के शिक्षकों और अनेक हिंदी प्रेमियों के साथ विद्यार्थियों से खचाखच भरे सभागार में यह गरिमापूर्ण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अकादमी के सदस्य सचिव सचिन निंबालकर ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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