Maharashtra: मराठा आंदोलन को अराजकता फैलाने का मौका ना बना लें राष्ट्रविरोधी ताकतें

आरक्षण के लिए मराठा आंदोलन की आड़ में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गणतंत्र दिवस के मद्देनजर राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा अराजकता या दंगे का खतरा हो सकता है।

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Maharashtra: एक तरफ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के मौके पर मुंबई समेत देशभर में जगह-जगह तैयारियां की जा रही हैं और हिंदू एकजुट नजर आ रहे हैं, इस बीच ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि अदृश्य शक्तियों द्वारा हिंदुओं में जातिवाद का जहर घोलकर मराठा और ओबीसी में द्वेश फैलाने का प्रयास किया जा सकता है। इस कारण आरक्षण के लिए मराठा आंदोलन (Maratha movement) की आड़ में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में गणतंत्र दिवस के मद्देनजर राष्ट्रविरोधी ताकतों (anti-national forces) द्वारा अराजकता या दंगे का खतरा (threat of anarchy or riot) हो सकता है।

जारांगे की सरकार को चेतावनी
मराठा आरक्षण (maratha reservation) के लिए मनोज जरांगे पाटील ने मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन की घोषणा की है। 25 दिसंबर को उन्होंने समाज से ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और पैदल चलकर मुंबई पहुंचने की अपील की।  जरांगे ने घोषणा की है कि वे आरक्षण लिए बिना मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस आंदोलन के लिए तीन करोड़ मराठा मुंबई आएंगे। उन्होंने गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील करते हुए कहा है, ”देश में पहले ऐसा आंदोलन नहीं हुआ होगा।” पाटील ने कहा, ”पुलिस को ट्रैक्टरों और कारों को मुंबई आने से नहीं रोकना चाहिए। सरकार को इस आंदोलन को अलग रंग नहीं देना चाहिए।”

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की याद
दो साल पहले किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के दरवाजे( सीमा) पर इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था। उस समय भी ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की गई थी। तब भी 26 जनवरी को लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने की झूठी खबर फैलाकर अराजकता फैलाने की कोशिश की गई थी। लेकिन सौभाग्य से पुलिस ने इस साजिश को नाकाम कर दिया। मराठा समुदाय को अधिक सावधान रहने की जरूरत है ताकि इस आंदोलन की आड़ में किसी तरह का खतरा पैदा न हो।

देश विरोधी ताकतें भीड़ का फायदा न उठायें
बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव हो रहा है। इस अवसर पर देशभर में कई जगहों पर विभिन्न तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस बीच लाखों मराठा कार्यकर्ता मुंबई पहुंचने लगेंगे, सड़कों पर भीड़ होगी। इस स्थिति में देश विरोधी ताकतें इसका फायदा उठा सकती हैं।

व्यवस्थ होंगी प्रभावित
साफ है कि यह आंदोलन शहर की व्यवस्था को प्रभावित करने के साथ ही मुंबई की रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर डालेगा। मुंबई की यातायात व्यवस्था, रेल यात्रियों की संख्या के साथ ही यातायात में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने की संभावना है। आम मुंबईकरों के बीच चर्चा है कि वे मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी के रूप में आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने इस बात का ख्याल रखा है कि यह आंदोलन कोई अलग मोड़ न ले ले।

बढ़ेंगे प्रदर्शन
पुलिस ने नया आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि सार्वजनिक समारोहों पर जारी प्रतिबंध अगले आदेश जारी होने तक 18 जनवरी तक जारी रहेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जरांगे पाटील के आमरण अनशन को ध्यान में रखते हुए 18 जनवरी तक नया आदेश जारी किया जाएगा और प्रतिबंध को फिर से बढ़ाया जाएगा। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी।

पुलिस ‘अलर्ट मोड’ पर
पुलिस ने मुंबई पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र के भीतर ड्रोन, रिमोट नियंत्रित माइक्रो-लाइट विमान, पैराग्लाइडर, पैरा मोटर्स, हैंडग्लाइडर, गर्म हवा के गुब्बारे आदि की उड़ान पर प्रतिबंध लगाने के आदेश भी जारी किए हैं।

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