श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल स्थान को लेकर उठे वाद से संबंधित याचिका को सिविल जज ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में सिविल न्यायालय ने कहा है कि, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल स्थान, ज्ञानवापी, मां श्रृंगार गौरी, मां गंगा, भगवान हनुमान, भगवान गणेश व नंदी पूजा के अधिकार से संबंधिक प्रकरण स्थानीय सिविल अधिकार के अंतर्गत आता है।
श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर, मां श्रृंगार गौरी, मां गंगा की पूजा अर्चना से संबंधित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अंकुर शर्मा, अधिवक्ता हरिशंकर जैन, अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री आदि ने दायर किया है। यह याचिका 18 फरवरी, 2021 को दायर की गई है।
जानें वो सात बिंदु जो साक्ष्य हैं ‘ज्ञानवापी परिसर’ है श्रीकाशी विश्वनाथ की संपत्ति!
पहले की याचिकाएं भी प्रलंबित
श्री काशी विश्वनाथ के पांच कोशीय दायरे से संबंधित अन्य याचिकाएं भी पहले भी दायर की जा चुकी हैं। जिसमें 1991 में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) आशुतोष तिवारी की कोर्ट में चल रही है। इसमें परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग पर सुनवाई विचाराधीन है। इसके अलावा एक याचिका पर सुनवाई उच्च न्यायालय में भी चल रही है।
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