मंगलवार (26 दिसंबर) की सुबह-सुबह लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के अनुसार, सुबह 4:33 बजे लेह-लद्दाख में 4.5 तीव्रता (Intensity) का भूकंप (Earthquake) आया।
भूकंप का केंद्र 5 किमी की गहराई पर था और झटके 34.73 अक्षांश और 77.07 देशांतर पर महसूस किए गए। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के पास किश्तवाड़ जिले में रिक्टर पैमाने पर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किश्तवाड़ में देर रात 1:10 बजे भूकंप 5 किमी की गहराई पर आया।
An earthquake of magnitude 4.5 Richter Scale hit Leh, Ladakh at around 4:33 am today: National Center for Seismology pic.twitter.com/Fu8Mq5s439
— ANI (@ANI) December 26, 2023
हालांकि, पहाड़ी इलाकों में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी मुख्यतः चार परतों से बनी है। आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मेंटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मेंटल कोर को लिथोस्फीयर कहा जाता है। यह 50 किलोमीटर मोटी परत कई खंडों में विभाजित है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें बहुत ज्यादा हिलती हैं तो भूकंप महसूस होता है।
कैसे करें बचाव?
अगर अचानक भूकंप आए तो घर से बाहर खुले में जाएं। अगर आप घर में फंसे हैं तो बिस्तर या किसी मजबूत टेबल के नीचे छुप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी आप खुद को बचा सकते हैं। भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। खुली जगहों पर जाएं, पेड़ों और बिजली लाइनों से दूर रहें। इसके अलावा भूकंपरोधी घर भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हालांकि यह ज्यादा महंगा नहीं है, लेकिन इसके प्रति लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
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