Research magazine: एक अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि लंबे समय तक कोविड से पीड़ित (Suffering from Covid for a long time) रहे लोगों को कड़ा व्यायाम (strenuous exercise) नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे न केवल मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है बल्कि मेटाबालिज्म बिगड़ जाता है।
लंबे समय तक पीड़ितों पर हुआ शोध
4 जनवरी, 2024 को नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है, “लंबे समय तक कोरोना से पीड़ित रहे लोगों में विशिष्ट लक्षण के रूप में परिश्रम के बाद की अस्वस्थता देखी जाती है।” प्रख्यात अनुसंधान पत्रिका नेचर कम्युनिकेशंस में बताया गया है कि अध्ययन में 25 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो लंबे समय तक कोरोना पीड़ित थे। इसके साथ 21 ऐसे कोरोना पीड़ित जो वायरस संक्रमित थे लेकिन पूरी तरह ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
अनुसंधान का निष्कर्ष
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला कि “लंबे समय तक कोविड पीड़ित लोगों में स्वस्थ प्रतिभागियों की तुलना में व्यायाम करने की क्षमता कम थी। देर तक और कड़ा व्यायाम करने से ऐसे सभी कोविड प्रभावित रहे लोगों ने अस्वस्थता का अनुभव किया। इनकी मांसपेशियों में दर्द, गंभीर थकान और एक हफ्ते तक विभिन्न प्रकार की परेशानियों से जूझते रहे।”
अधिकतम ऑक्सीजन ग्रहण में कमी
सभी प्रतिभागियों पर कार्डियोपल्मोनरी व्यायाम परीक्षण भी किया। उनके अंदर यह देखा गया कि लंबे समय तक कोविड प्रभावित रहे लोगों में अधिकतम ऑक्सीजन ग्रहण और शरीर के अंदर इलेक्ट्रोलाइट के उत्पादन में काफी कमी पाई गई। इनमें ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता कमी के साथ कार्बन डाइऑक्साइड का दबाव कम पाया गया। (हि.स.)
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