आज इतिहास रचेगा इसरो का सूर्य मिशन Aditya L1, जानें कैसे

अंतरिक्ष के रहस्यों का पता लगाने के लिए आदित्य एल 1 दो साल तक अंतरिक्ष में सूर्य का अध्ययन करेगा।

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आदित्य एल1 (Aditya L1) को आज पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूरी पर उसकी अंतिम कक्षा में स्थापित करने की पूरी तैयारी कर ली है। आदित्य एल 1 को आज अंतरिक्ष (space) में उसके निर्धारित बिंदु एल 1 (set point L1) पर रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार अंतरिक्ष के रहस्यों (mysteries of space) का पता लगाने के लिए आदित्य एल 1 दो साल तक अंतरिक्ष में सूर्य का अध्ययन करेगा।

सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय सौर मिशन
उल्लेखनीय है कि आदित्य एल-1, 15 लाख किलोमीटर की दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन (Indian Solar Mission) है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल-1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इससे पहले इसरो ने बताया था कि अंतरिक्ष यान (Space ship) ने नौ लाख किलोमीटर से अधिक की दूर तय कर ली है।

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