पटना। बिहार में चुनावी मौसम में घमासान मचा हुआ है। साम, दंड, भेद, भाव हर तरह के दांव अपनाए जा रहे हैं। रविवार को पुर्णिया में एक दलित नेता की हत्या के बाद बिहार में सियासत का पारा हंड्रेड डिग्री पार करता नजर आ रहा है। राजद के पूर्व नेता शक्ति मल्लिक की हत्या अपराधियों ने रविवार सुबह छह बजे घर में घुसकर कर दी। शक्ति राजद के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव भी रह चुके थे। इससे पहले एक अक्टूबर को पटना में भारतीय जनता पार्टी के नेता राजेश कुमार झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभी चुनावी जंग की शुरुआत ही है। आगे इस तरह की हत्या-प्रतिहत्या के आलावा अन्य तरह के अपराध बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
सीबीआई जांच की मांग
जदयू ने बिहार के पूर्णिया जिले में दलित नेता शक्ति मल्लिक की हत्या का आरोप तेजस्वी यादव पर लगाया है। कहा है कि राजनीतिक साजिश के तहत दलित नेता की हत्या कराई गई है। मामले में सीबीआइ जांच की मांग की है। कहा है कि हत्या का आरोप दलित नेता की पत्नी ने तेजस्वी पर लगाया है तो वो प्राइम आरोपित होंगे। दरअसल, दलित नेता की हत्या के दो दिन पहले का एक वीडियो और एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दलित नेता शक्ति मल्लिक ने अपने हत्या की आशंका जताई थी।
मृतक की पत्नी के गंभीर आरोप
शक्ति मल्लिक की पत्नी खुशबू ने भी तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अनिल साधु पर पति की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पति को राजद से निकाल दिया गया था। तेजस्वी यादव ने टिकट के पैसे मांगे थे। पति रानीगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
जदयू का हमला तेज
जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि चुनाव के समय ऐसी राजनीतिक हत्या काफी संवेदनशील है। हत्या का आरोप सीधे-सीधे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर है। इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार में दलित होना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने दलित नेता की मृत्यु के पहले की वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि एक दलित नेता ने मरने से पहले तेजस्वी यादव को एक्सपोज कर दिया है। एक दलित नेता से टिकट के लिए पचास लाख रुपये मांगे गए। उन्हें अपमानित कर पार्टी से निकाल दिया। पहले उनका शोषण किया फिर वास्तव में हत्या करा दी। राजीव रंजन ने कहा है कि राजद में सामंती व्यवस्था है। राजद में दलित और पिछड़े लोगों की कद्र नहीं है। यह तेजस्वी यादव का अहंकार है कि दलित नेता को राजद से निकाल दिया गया और उनकी हत्या करा दी गई।
राजद ने लगाया साजिश का आरोप
राजद ने कहा कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के खिलाफ जदयू तरह-तरह की साजिश रच रही है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि बिहार की जनता इस बार के विधानसभा चुनाव में साजिश करने वालों को माकूल जवाब देगी। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता को देख जदयू नेताओं की बेचैनी बढ़ गयी है। राजद की छवि को प्रभावित करने के लिए जदयू द्वारा तरह-तरह की साजिश और दुष्प्रचार का सहारा लिया जा रहा है। दलित और अति पिछड़ों के सवाल पर राजद को किसी से सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं है। बिहार की जनता देख चुकी है कि किस प्रकार एक दलित को मुख्यमंत्री पद से हटाने की साजिश रची गयी थी।
वायरल वीडियो में क्या है?
पूर्व राजद नेता के हत्या के पहले का एक ऑडियो और एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वे कह रहे हैं ‘मैं तेजस्वी यादव से मिलने गया था। तेजस्वी यादव जैसे ही घर से बाहर निकले मैं बैठा था, मैंने कहा प्रणाम सर। उन्होंने पूछा क्या हाल ? मैंने कहा कि सर देखिए न अनिल साधु जी टिकट के लिए डोनेशन मांग रहे हैं। इसपर तेजस्वी यादव ने कहा तुम्हारे पास पैसा है तो चुनाव लड़ो नहीं तो यहां से निकलो। इसपर मैंने कहा सर हमलोगों राजद के पुराने कार्यकर्ता है , पार्टी की बहुत सेवा की है। हम पैसा कहां से लाएंगे। फिर तेजस्वी यादव जी ने मुझे कहा, तुम डोम हो, डोम ही रहोगे। हम तुमको विधान सभा नहीं पहुंचने देंगे।’ शक्ति मलिक ने वायरल ऑडियों में कहा है कि ‘मुझसे टिकट के लिए 50 लाख रुपये मांगे गए। मैंने मना किया तो तेजस्वी यादव जी ने मुझे धमकी दी कि तुम्हारी हत्या करा देंगे। हम लालू यादव के बेटे हैं। हम नेता प्रतिपक्ष हैं। यह मेरी पार्टी है, जो चाहेंगे करेंगे।
एफआईआर में तेजस्वी समेत इनके नाम
केहाट थानाध्यक्ष सुनील कुमार मंडल ने बताया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उसके भाई तेजप्रताप यादव, अनिल कुमार उर्फ साधु यादव, कालो पासवान, मनोज पासवान और सुनीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। उनके परिजनों से बयान लेकर मामले की जांच की जा रही है।