Mumbai News: मुंबई में कानून व्यवस्था (Law and Order) बनाए रखने के लिए 20 दिसंबर आधी रात से लागू की गयी धारा 144 ((Section 144)) नये साल की 18 जनवरी 2024 तक लागू रहने वाली है। मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की ओर से इस बाबत एक सर्कुलर जारी किया गया था। इसी महीने 22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह (Consecration ceremony of Shri Ram Temple) को लेकर पूरे देश में तैयारियां की जा रही हैं। ऐसे एक सवाल यह भी लोगों के ध्यान में आ रहा है कि क्या 18 जनवरी के बाद धारा 144 मुंबई में समाप्त कर दी जाएगी या इसे आगे बढ़ाया जाएगा। क्यांकि आगामी दिनों में मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation Movement) भी होने वाला है।
22 जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव और जारांगे का मराठा आंदोलन
एक तरफ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के मौके पर मुंबई समेत देशभर में जगह-जगह तैयारियां की जा रही हैं और हिंदू एकजुट नजर आ रहे हैं, इस बीच ऐसी भी आशंका जता जाएगा। क्यांकि आगामी दिनों में मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation Movement)ई जा रही है कि अदृश्य शक्तियों द्वारा हिंदुओं में जातिवाद का जहर घोलकर मराठा और ओबीसी में द्वेश फैलाने का प्रयास किया जा सकता है। इस कारण आरक्षण के लिए मराठा आंदोलन (Maratha movement) की आड़ में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में गणतंत्र दिवस के मद्देनजर राष्ट्रविरोधी ताकतों (anti-national forces) द्वारा अराजकता या दंगे का खतरा (threat of anarchy or riot) हो सकता है। मनोज जारांगे ने 22 जनवरी 2024 को मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करने की सरकार को चेतावनी दे रखी है।
इस कारण मुंबई में लगी धारा 144
प्रशासन को आशंका है कि मुंबई में इस दौरान कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस पृष्ठभूमि में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगाया गया है। चूंकि पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है, इसलिए पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है। सार्वजनिक सभाओं पर भी रोक लगा दी गई है। मुंबई पुलिस की ओर से जारी आदेश के अनुसार, प्रतिबंध अवधि के दौरान शहर में लाउड स्पीकर, बैंड और पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। पुलिस ने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तीन साल की सश्रम कैद और जुर्माना का दंड
भारत के इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए दंड का प्रावधान है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की 141-149 धाराओं के अनुसार, दंगों में शामिल होने की अधिकतम सजा 3 साल सश्रम कारावास और / या जुर्माना है। गैरकानूनी सभा के प्रत्येक सदस्य को समूह द्वारा किए गए अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ऐसी सभा को तितर-बितर करने की कोशिश करने वाले अधिकारी को बाधित करना अधिक सज़ा आकर्षित कर सकता है।
धारा 144 में प्रशासन का अधिकार
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत बिना किसी पूर्व सूचना एवं अनुमति के धरना प्रदर्शन , रैलियां, सभाओं के आयोजन संबंधी सभी कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा होता है। किसी भी सामूहिक उद्देश्य के लिए डीजे लॉउडस्पीकर जैसे ध्वनी विस्तारण यंत्र के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई होती है । इस कानून के तहत राज्य सरकार, स्वप्रेरणा से या किसी व्यथित व्यक्ति के आवेदन पर, उप-धारा (4) के प्रावधानों के तहत अपने द्वारा दिए गए किसी भी आदेश को रद्द या बदल सकती है।
यह भी पढ़ें –Mumbai News: मुंबई में 18 जनवरी तक धारा 144 लागू, जानिए प्रतिबंधों की सूची
Join Our WhatsApp Community