…ठाकरे सरकार पर पड़ गया नया ‘लेटर बम’!

महाराष्ट्र में जिस घटना को लेकर आतंकी गतिविधि का अंदेशा था वह पुलिस महकमे से होते हुए राजनीतिक घमासान में परिवर्तित हो गई है। महाराष्ट्र के सत्ता के गलियारे में हलचल मची तो दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा है।

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ठाकरे सरकार पहले ‘लेटर बम’ से उबरने का प्रयत्न कर रही है कि उस पर दूसरा लेटर बम भी गिर गया है। इस बार का लेटर बम लोकसभा में गिरा है। जिसका झटका शिवसेना को जोर का लग सकता है।

महाराष्ट्र के सियासी संग्राम में किसी नेता ने कहा था कि, बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जाएगी। वाकई बात निकली तो अंबानी की गलियों से थी लेकिन वो विधान सभा से होते हुए संसद के गलियारों तक पहुंच गई है। इसका परिणाम ये हुआ कि गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे सौ करोड़ की धन उगाही के आरोप पर लोकसभा में तीखी बहस हुई। इस बहस में मनसुख हिरेन की मौत और मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाझे पर भी सांसदों ने महाराष्ट्र सरकार की जमकर खिंचाई की। जिसमें अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने भी महाराष्ट्र सरकार की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी की थी। इस बहस के बाद सांसद ने एक पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा है।

सांसद का लेटर बम

नवनीत रवि राणा ने अपने लेटर हेड पर लिखित रूप से शिकायत की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि,

महाराष्ट्र में मनसुख हिरेन, सचिन वाझे और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त के पत्र को लेकर कई आरोप ठाकरे सरकार पर लगाए जा रहे थे। उनसे संबंधित प्रश्नों को मैंने संसद में उठाया था। इस मुद्दे को लेकर शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा की लॉबी में मुझे धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि, तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है, मैं देखता हूं। तेरे को भी जेल में डालेंगे। इसके पहले शिवसेना के लेटर हेड और फोन पर मेरे चेहरे पर तेजाब डालने और जान से मारने की धमकी कई बार मुझे मिली है।
आज शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मुझे धमकी दी है। ये मेरा ही अपना नहीं बल्कि देश की महिलाओं का अपमान है। इसलिए अरविंद सावंत पर कड़ी से कड़ी पुलिस कार्रवाई की जाए।

https://twitter.com/iFearlessSingh/status/1374010835706675200

महाराष्ट्र में बमचक
राज्य में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक लदी एसयूवी, उसके मालिक मनसुख हिरेन की संदेहास्पद मौत, सचिन वाझे की संदेहास्पद भूमिका पर पहले ही सरकार का सिरदर्द बढ़ा हुआ है। सरकार इससे उबरने के प्रयास में थी कि सचिन वाझे कानून के फंदे में फंस गए। उन्हें एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया तो मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को आनन-फानन में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे चिढ़े आयुक्त परमबीर सिंह ने एक लेटर बम सरकार पर डाल दिया। जिसमें उन्होंने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाझे के साथ प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए बार, रेस्टॉरेंट और अन्य संस्थानों से इकट्ठा करने की चर्चा का आरोप लगाया है। इससे राज्य की राजनीति में दबाव और बढ़ा गया। राज्य गरमाया तो दिल्ली की संसद तक आवाजें पहुंच गई।

बोले सांवत… वहां मौजूद लोग ही बताएंगे कि क्या मैंने धमकी दी थी
सांसद नवनीत राणा के आरोप पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने सफाई दी है कि, कॉरीडोर में उस समय और भी लोग मौजूद थे। ले लोग भी बताएंगे कि मैंने उन्हें धमकी दी थी क्या?

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