West Bengal के पुरुलिया में तीन साधुओं पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने का एक वीडियो सामने आया है। इस पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया। इस बीच, तृणमूल ने भाजपा पर घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया। वीडियो की प्रामाणिकता का ‘‘हिन्दुस्थान समाचार’’ की ओर से स्वतंत्र रूप से सत्यापन नहीं किया जा सका है। इस वीडियो में गंगासागर मेले के लिए जा रहे साधुओं के साथ पुरुलिया के काशीपुर में लोगों के एक समूह द्वारा धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता है।
पुरुलिया पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह घटना गलतफहमी के कारण हुई। उसने कहा, ‘‘पुरुलिया में हाल की एक घटना के बारे में कुछ हलकों से तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। तथ्य यह है कि 11.01.24 की दोपहर को काशीपुर के पास तीन स्थानीय नाबालिग लड़कियों के साथ गंगासागर जाने वाले तीन साधुओं के बीच भाषा की दिक्कत के चलते गलतफहमी हो गई थी।’’
उसने कहा, ‘‘लड़कियां डर गईं और स्थानीय लोगों ने साधुओं के साथ मारपीट की, उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया और अपहरण के प्रयास का आरोप लगाया। स्थानीय पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और साधुओं को बचाया।”
पुलिस ने कहा कि इस संबंध में एक विशेष मामले के आधार पर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उसने कहा, ‘‘साधुओं को हर संभव सहायता प्रदान की गई। घटना के संबंध में किसी भी तरह का सांप्रदायिक रंग नहीं है। सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति से कानून के मुताबिक सख्ती से निपटा जाएगा।”
पुरुलिया पुलिस की पोस्ट को तृणमूल मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा भी प्रसारित किया गया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उठाया सवाल
एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शहर में आये केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है। तुष्टिकरण की राजनीति पश्चिम बंगाल को कहां ले जा रही है? यह हिंदू विरोधी विचार प्रक्रिया क्यों बनाई जा रही है?’’
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के शासन में राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है।
प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा और दावा किया कि साधुओं पर हमले के पीछे रहे लोग सत्तारूढ़ दल से जुड़े थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ”एक्स” पर पोस्ट किया, ‘‘पुरुलिया से चौंकाने वाली घटना, गंगासागर जा रहे साधुओं को तृणमूल से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र करके पीटा, जिसने पालघर घटना की याद ताजा कर दी। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना एक अपराध है।’’
मजूमदार ने कहा कि उन्होंने साधुओं से संपर्क किया है और गंगासागर मेले में उनकी सुरक्षित यात्रा का आश्वासन दिया है।
क्या है तृणमूल का जवाब
इस बीच, तृणमूल ने भाजपा के आरोपों को निराधार करार दिया और भाजपा पर घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
राज्य की मंत्री शशि पांजा ने कहा, “पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है। भाजपा अपनी गंदी चालें चल रही है और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। हम ऐसे प्रयास की निंदा करते हैं। पार्टी को पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करने से पहले भाजपा शासित राज्यों में अराजकता की स्थिति को देखना चाहिए।”
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