Madhya Pradesh: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 करोड़ से अधिक के बैंक ऋण घोटाला मामले (bank loan scam cases) में दो दिन पहले जबलपुर, सतना, कटनी और रीवा में आठ स्थानों पर छापेमारी (raid) की। बैंक ऋण घोटाले में ऑटोमोबाइल कंपनी के प्रमोटर (automobile company promoter) को गिरफ्तार (arrested) किया। अदालत ने अरोपी को जमानत देने से मना कर दिया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है। यह जानकारी ईडी द्वारा सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
मनी-लॉड्रिंग का मामला होने से जांज ईडी को सौंपी
ईडी के मुताबिक, मध्यप्रदेश की जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पुष्पेंद्र सिंह ने कैनरा बैंक से 14 करोड़ से अधिक का कथित ऋण लिया था। कथित ऋण, धोखाधड़ी में मनी-लॉड्रिंग का मामला प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गई थी। इस ऑटोमोटिव्स कंपनी ने अपना मुख्यालय जबलपुर में बनाया है और उसके जबलपुर, सतना, कटनी, रीवा सहित कई शहरों में कारोबार है। कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह के खिलाफ बैंक ऋण में फर्जीवाड़े के संबंध में प्रकरण दर्ज किया गया था।
अदालत से नहीं मिली जमानत
ईडी के विज्ञप्ति में बताया गया है कि ईडी ने 13 जनवरी को प्रमोटर के आठ स्थानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद प्रमोटर पुष्पेंद्र सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सही जानकारी नहीं देने के बाद पुष्पेंद्र सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया और उन्हें विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया। अदालत के आदेश के बाद पुष्पेंद्र सिंह को जेल भेज दिया गया है।
ईडी की छापेमारी में पुष्पेंद्र सिंह के आवास से करीब 16 लाख रुपये नकद और बड़ी संख्या में अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं। ईडी ने नकदी और दस्तावेजों को जब्त कर छानबीन शुरू कर दी है।
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