बिहार विधानसभा में 23 मार्च को जमकर हंगामा हुआ। सदन के अंदर के साथ ही बाहर भी विपक्ष के नेताओं ने हंगामा किया। नीतीश सरकार एक विशेष विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक पर चर्चा होनी थी। लेकिन विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। विपक्षी नेता हाथों में बैनर और पोस्टर लिए विधानसभा के बाहर हंगामा कर रहे थे। वे सरकार द्वारा पेश किए जा रहे विशेष सशस्त्र पुलिस बिल 2021 के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
बता दें कि सत्र के 21 वें दिन नीतीश कुमार सरकार द्वारा यह यह बिल लाया जाना था। इसे लेकर सरकार ने अपने सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा था। वहीं विपक्ष ने 19 मार्च से ही विधेयक का विरोध करना शुरू कर दिया था।
विशेष सशस्त्र पुलिस बिल
इसका नाम विशेष सशस्त्र पुलिस बिल है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक राज्य में कानून-व्यवस्था के लिए बहुत जरुरी है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार इस बिल के रूप में काला कानून बनाने जा रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव भी हाथ में बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।
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नीली शर्ट पहना शख़्स पटना का DM है जो माननीय विधायक को धक्का दे रहा है। दो माननीय विधायकों को घसीटा जा रहा है और प्रशासन का अधिकारी जूते से विधायक को लात मार रहा है।
लोहिया जयंती पर नीतीश कुमार यह कुकर्म करवा रहे है। सड़क और सदन कहीं कोई सुरक्षित नहीं। #नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/LjphMICJId
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
बिना वारंट के भी गिरफ्तारी
नीतीश सरकरा सीआईएसएफ जैसी पुलिस की स्पेशल यूनिट बना रही है। यह यूनिट बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है। इस बिल को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह बिल पास हो जाने के बाद पुलिस किसी को भी गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र रहेगी। इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
विशेष सशस्त्र पुलिस बिल 2021 की खास बातें
- सरकार बंगाल मिलिट्री एक्ट को खत्म कर अपना सशस्त्र पुलिस बल गठन करेगी
- यह यूनिट सीआईएसएफ की तरह काम करेगी
- औद्योगिक, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान,हवाई अड्डा, मेट्रो रेल की सुरक्षा में होगी तैनाती
- हाई प्रोफाइल सिक्योरिटी के लिए विशेष सशस्त्र पुलिस की आवश्यकता