Manaskhand Temple Mala Mission: 1 हजार करोड़ के साथ ही इतने मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटन का अनुरोध

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का कार्य नव गठित उत्तराखंड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी) द्वारा किया जायेगा।

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Manaskhand Temple Mala Mission: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने 18 जनवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) से भेंट के दौरान राज्य के विकास योजनाओं की जानकारी(Information about state development plans) दी। इस दौरान मानसखंड मन्दिर माला मिशन के लिए 1 हजार करोड़ और राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटित करने का अनुरोध(Request to allocate 400 MW additional power) किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन(wedding destination) बताये जाने के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 150 करोड़ के निवेश प्राप्त(Received investment of Rs 150 crore) हुए हैं।

भेंट की उत्तराखंड की महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार की गई सामग्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को बागेश्वर में बने ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद तथा उत्तराखंड की महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार की गई सामग्री भेंट की। प्रधानमंत्री ने राज्य की महिलाओं के परिश्रम की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद उत्तराखंड में शादियों के लिये देश विदेश से बड़ी संख्या में लोगों की ओर से बुकिंग की जा रही है, इससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कर्णप्रयाग-ग्वालदम मार्ग में सीमा सड़क संगठन की ओर से किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने, पर्यटन और सैन्य आवागमन तथा आम जनमानस के लिए अत्यन्त उपयोगी 189 किमी. काठगोदाम-भीमताल, ध्यानाचुली-मोरनोला-खेतीखान- लोहाघाट-पंचेश्चर मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने एवं मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना के अन्तर्गत मानसखंड मन्दिरों को जोड़ने वाले 20 मार्गों के लिए 01 हजार करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों को मानसखंड मन्दिर माला के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गढ़वाल और कुमायूं को जोड़ने वाले मार्गों का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मानसखंड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। जागेश्वर धाम के लिए 150 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान बनाया गया है। मानसखंड मन्दिरों के प्रचार-प्रसार हेतु ‘भारत गौरव मानसखंड एक्सप्रेस’’ ट्रेन देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखंड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिये संचालित किये जाने का अनुरोध किया। मा

नसखंड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखंड माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने हेतु छः घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का कार्य नव गठित उत्तराखंड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी) द्वारा किया जायेगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पीपीपी मोड में सात हेलीपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव है जिसमें से दो हेलीपोर्ट हेतु भूमि चिन्हित कर ली गयी है। प्रारम्भिक चरण में हरिद्वार, देहरादून में हेलीपोर्ट तैयार किये जाने प्रस्तावित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्राडिंग के लिये अम्ब्रेला ब्रान्ड के रूप में हाउस ऑफ हिमालयाज का प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा हाउस ऑफ हिमालयाज से जुड़ने के लिए उत्साह दिखाया गया है। राज्य के त्वरित विकास के रोडमैप में आगामी पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना किया जाना लक्ष्यान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित करने का अनुरोध किया। पिथौरागढ़ क्षेत्र की धौलीगंगा और गौरी गंगा क्षेत्र में बहने वाली नदियां राज्य के अन्तर्गत बहने वाली गंगा व उसकी सहायक नदियों से इतर हैं। उक्त क्षेत्र की जल विद्युत परियोजनाओं बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) एवं सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) की स्वीकृतियां प्रदान करने का अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में जून 2013 में आयी आपदा के पश्चात सर्वाेच्च न्यायालय के पारित आदेश और जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा दिये गये निर्णय के कारण गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रस्तावित 44 जल विद्युत परियोजनाओं कुल क्षमता लगभग 4800 मे.वा. का विकास एवं निर्माण स्थगित है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्तराखंड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पडती है, जो कि पर्वतीय राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डालता है। अन्य नदी घाटियों में प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण के लिए सकारात्मक कार्यवाही करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण के अनुमति के लिए जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार को यथोचित निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

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