Boeing In India: प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में बोइंग के सबसे बड़े परिसर का किया उद्घाटन, किया ये दावा

प्रधानमंत्री ने चंद्रयान की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत का चंद्रयान-3 वहां पहुंचा, जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया। इस सफलता ने देश के नौजवानों में वैज्ञानिक स्वभाव को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि आज विमानन क्षेत्र से जुड़ा हर हितधारक नए उत्साह से भरा हुआ है।

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Boeing In India: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 19 जनवरी को कर्नाटक के बेंगलुरु में नए अत्याधुनिक बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (Boeing India Engineering and Technology Center) (बीआईईटीसी) परिसर का उद्घाटन किया। 1,600 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित, 43 एकड़ का यह परिसर अमेरिका के बाहर बोइंग का सबसे बड़ा निवेश है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह नया सेंटर भारत और दुनिया भर में विमानन क्षेत्र को मजबूत करेगा। यह सेंटर नवाचार के केंद्र के रूप में काम करेगा और विमानन में प्रगति को आगे बढ़ाएगा। एक दिन भारत इस सुविधा में भविष्य के विमान डिजाइन करेगा। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु एक ऐसा शहर है, जो आकांक्षाओं को नवाचारों और उपलब्धियों से जोड़ता है। बेंगलुरु भारत की तकनीकी क्षमता को वैश्विक मांग से जोड़ता है। बोइंग का यह नया वैश्विक प्रौद्योगिकी परिसर बेंगलुरु की इस पहचान को मजबूत करेगा।

मेक फॉर द वर्ल्ड संकल्प
मोदी ने कहा कि ये कैंपस ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ (Make in India, Make for the World) के संकल्प को सशक्त करता है। ये कैंपस, भारत की योग्यता पर दुनिया के भरोसे को भी मजबूत करेगा। भारत इस सेंटर में भविष्य के विमान को भी डिजाइन करेगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा वैश्विक तकनीक, अनुसंधान और नवाचार, डिजाइन और मांग को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सुविधा मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के संकल्प को मजबूत करती है।पिछले 10 सालों में भारत के विमानन क्षेत्र में हुए बदलाव का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को प्राथमिकता देता है। 2014 में, भारत में लगभग 70 परिचालन हवाई अड्डे थे। आज भारत में 150 से अधिक परिचालन हवाई अड्डे हैं। केंद्र सरकार ने न केवल हवाई अड्डे बनाए हैं बल्कि उनकी दक्षता बढ़ाने पर भी काम किया है। तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र भारत के विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है।

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पर्यटन क्षेत्र में है नई संभावनाएं
इस बीच प्रधानमंत्री ने पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि केंद्र में स्थायी सरकार है तो इस बीच जनसमूह ने तालियां बजाकर मोदी-मोदी के नारे लगाकर प्रधानमंत्री का समर्थन किया। इस पर मोदी ने मंच पर मौजूद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से कहा, “सिद्धारमैया जी ऐसा होता रहता है।”मोदी ने कहा, “भारत का पर्यटन क्षेत्र भी काफी तेजी से विकास कर रहा है। नई संभावनाएं बन रही हैं। भारत में इतनी संभावनाएं हैं तो भारत में हमें एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम का तेजी से निर्माण करना होगा। भारत में एमएसएमई का एक सशक्त नेटवर्क है। भारत में एक बहुच बड़ा टैलेंट पूल है। भारत में एक स्टेबल सरकार है।”

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चंद्रयान-3 की तारीफ
प्रधानमंत्री ने चंद्रयान की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत का चंद्रयान-3 वहां पहुंचा, जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया। इस सफलता ने देश के नौजवानों में वैज्ञानिक स्वभाव को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि आज विमानन क्षेत्र से जुड़ा हर हितधारक नए उत्साह से भरा हुआ है। उत्पादन से लेकर सेवा तक हर हितधारक भारत में नई संभावनाएं तलाश रहा है। प्रधानमंत्री ने लाल किले के अपने भाषण को याद करते हुए कहा कि यही समय है, सही समय है। बोइंग और दूसरी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भी ये सही समय है। ये उनके लिए भारत की तेज ग्रोथ के साथ अपनी ग्रोथ को जोड़ने का समय है। प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि एविएशन और एयरोस्पेस सेक्टर में भी हम महिलाओं के लिए नए अवसर बनाने में जुटे हैं। चाहे फाइटर पायलट हों या सिविल एविएशन हो, आज भारत महिला पायलट के मामले में लीड कर रहा है। आज भारत के पायलट में से 15 प्रतिशत महिला पायलट हैं। ये ग्लोबल एवरेज से तीन गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भारत एसटीईएम शिक्षा का केंद्र है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत अधिक है।

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