प्रभु श्रीराम (Lord Shri Ram) की नगरी अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) इतिहास रचने के बेहद करीब है। यहां श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) पर बन रहे अपने भव्य और दिव्य मंदिर में अब प्रभु श्रीराम विराजमान होकर अपने भक्तों को जल्द दर्शन देने वाले हैं। आज (शनिवार) रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha Ceremony) का पांचवां दिन है।
अब अस्थायी गर्भगृह में रामलला के दर्शन नहीं होंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से नवनिर्मित भव्य और दिव्य राम मंदिर में दोबारा दर्शन आरंभ होंगे। वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान रामलला को नवर्निर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए स्वर्ण मंडित आधार तैयार किया गया है।
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अमृत महोत्सव लेजर शो का आयोजन
आज विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और काशी के उद्यमी सूर्यकांत जालान भी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में यजमान की भूमिका में रहेंगे। एक अन्य यजमान विहिप के अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह भी शुक्रवार शाम अयोध्या पहुंच गए। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अमृत महोत्सव लेजर शो का आयोजन किया गया।
अयोध्या हवाई अड्डे पर पहुंचेगा महाप्रसाद
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान चौथे दिन शुक्रवार को निर्धारित मुहूर्त सुबह नौ बजे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अरणि मंथन विधि से अग्निदेव को प्रकट कर अनुष्ठान की शुरुआत की गई। इस विधि में शमी और पीपल की लकड़ी के घर्षण से अग्नि को प्रकट किया जाता है। श्रीराम लला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तिरुमाला देवस्थानम ट्रस्ट की ओर से एक लाख (तीन टन) महाप्रसाद (लड्डू) वितरित किए जाएंगे। आज तिरुपति से यह महाप्रसाद अयोध्या हवाई अड्डे पर विशेष विमान से पहुंचेगा।
रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की असीम प्रसन्नता का परिचायक दशरथ दीप शुक्रवार को दिन ढलते ही प्रज्ज्वलित हो गया। तपस्वी छावनी के तुलसीबारी स्थित परिसर में स्थापित इस दीप की परिधि तीन सौ फीट है। इसमें 21 हजार लीटर तेल के साथ सवा क्विंटल रुई की बाती का प्रयोग हुआ है। इस अवसर पर काशी के सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती सहित बड़ी संख्या में संत एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।
22 जनवरी को रामलला को छप्पन भोग लगाया जाएगा
रामलला के नए विग्रह की आंखें फिलहाल ढकी हुई हैं। उन्हें 22 जनवरी को खोला जाएगा। अभी रामलला सिर्फ मेवा खाएंगे। 22 जनवरी को उन्हें छप्पन भोग लगाया जाएगा। आज रामलला विराजमान भी लकड़ी वाले मंदिर से नए भव्य मंदिर में आ जाएंगे। उनके लिए जगह पहले ही बना दी गई है। नए विग्रह का आज कमल के फूलों से अधिवास होगा और 81 कलशों के जल से मंदिर को शुद्ध किया जाएगा। समारोह के पांचवें दिन आज नित्य पूजन, हवन पारायण के साथ भगवान राम के पांच अधिवास शुरू होंगे। भगवान को शक्कर, फल, प्रसाद, पिंड और पुष्प में रखा जाएगा।
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