West Bengal: इंडी गठबंधन में दिखने लगी अनबन, तृणमूल ने दिखाए ऐसे तेवर

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर बंद कमरे के अंदर पार्टी नेताओं की बैठक हुई है। इसमें उन्होंने राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी के निर्देश दिए हैं।

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केंद्र की सत्ता से नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने के लिए बने विपक्षी इंडी गठबंधन (Indi alliance) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अब कांग्रेस और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के बीच खुली तकरार सामने आ गई है। तृणमूल कांग्रेस ने सीधे तौर पर कांग्रेस (Congress) को यह चेतावनी दे दी है कि वह राज्य में सभी 42 सीटों पर अब चुनाव लड़ने (contest elections) जा रही है।

ममता बनर्जी के आवास पर हुई मीटिंग में मिले निर्देश
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को इस बारे में पुष्टि करते हुए बताया कि बार-बार कहने के बावजूद कांग्रेस सीट बंटवारे (seat sharing) को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रही। दिसंबर महीने के मध्य में ही सीटों पर फैसला हो जाना चाहिए था लेकिन जनवरी महीना खत्म होने को है और कांग्रेस इस बारे में फैसला नहीं ले रही इसलिए यह निर्णय लिया गया है। उक्त नेता ने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर बंद कमरे के अंदर पार्टी नेताओं की बैठक हुई है। इसमें उन्होंने राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी के निर्देश दिए हैं। खास तौर पर मुर्शिदाबाद के नेताओं के साथ बैठक में ममता ने यह भी कहा है कि राज्य की किसी भी सीट को छोड़ने की बात नहीं है। सब पर अपने उम्मीदवार और दावेदारी मजबूत करके रखनी है।

तृणमूल में भी एकमत नहीं
दरअसल इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और बागी नेता हुमायूं कबीर भी उपस्थित थे। उन्होंने खुद ही बाहर आकर कहा कि तृणमूल कांग्रेस राज्य की सभी 42 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। हालांकि एक अन्य सूत्र ने बताया कि ममता बनर्जी के साथ बंद कमरे में बैठक के दौरान जब मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही तो खुद हुमायूं कबीर ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि मुर्शिदाबाद में अधीर रंजन चौधरी एक बड़ा कारक हैं। उन्हें दरकिनार कर नहीं चला जा सकता। तब ममता बनर्जी ने उन पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद वह खामोश हो गए थे।

दौ और सात सीटों पर फंसा पेंच
उल्लेखनीय है कि 2019 के आम चुनाव में राज्य की 42 में से 22 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने में जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 18 सीटें जीती थी और कांग्रेस को दो सीटों बहरामपुर और मालदा दक्षिण पर सफलता मिली थी। इन्हीं दो सीटों को तृणमूल, कांग्रेस को देने पर सहमत हुई है जबकि कांग्रेस कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है।(हि.स.)

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