राजस्थान के अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में बड़ा फैसला आया है। न्यायालय ने 528 दिनों की सुनवाई के बाद पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस मामले में शुरुआती दौर में पुलिस ने ढिलाई बरतते हुए 6 दिन में एफआईआर दर्ज किया था। लेकिन अब न्यायालय ने मामले के चार दोषियों को आजीवन कारावास जबकि एक दोषी को पांच साल की सजा सुनाई है।
अलवर जिले के एक ग्रामीण इलाके में पिछले साल हुए सामूहिक बलात्कार और वीडियो वायरल करने की वारदात पर अलवर एससी/एसटी न्यायालय ने पांचों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। न्यायालय में इस प्रकरण में 97 पेज का फैसला सुनाया है। इनमें से बलात्कार के चार दोषियों को उम्रकैद यानी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं वीडियो वायरल करने के दोषी को पांच साल की सजा सुनाई है। न्यायालय के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के वकील ने इसका स्वागत किया।
इस प्रकरण में दोषी छोटेलाल, हंसराज, इंद्राज, अशोक सामूहिक बलात्कार के दोषी हैं। इन चारों को आजीवन कारावास और 1-1 लाख रूपए का आर्थिक दंड दिया गया है वहीं मुकेश को फोटो व वीडियो वायरल करने का दोषी माना गया है। मुकेश को 5 साल की सजा सुनाई है।
क्या था प्रकरण
अलवर जिले के सरिस्का के पास एक ग्रामीण इलाके में 26 अप्रेल 2019 की दोपहर एक दम्पती बाइक पर सवार होकर बाजार कपड़े खरीदने जा रहे थे। रास्ते में सुनसान इलाके में उन्हें पांच युवकों ने रोक लिया और दम्पती को रेत के टीलों के पीछे ले गए। वहां आरोपियों ने दम्पती के साथ मारपीट की और इसके बाद पति को बंधक बना महिला के साथ पांच जनों ने सामूहिक बलात्कार किया और घटना के अपने मोबाइल से फोटो-वीडियो बनाए। जिसे उनके छठे साथी मुल्जिम ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
6 दिन बाद एफआइआर, 16 दिन में चालान
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने गंभीरता लापरवाही बरतते हुए घटना के छह दिन बाद एफआइआर दर्ज की, लेकिन जब अधिकारियों पर गाज गिरी तो पुलिस ने मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेते हुए तत्परता दिखाई। पुलिस ने सभी छह मुल्जिमों को गिरफ्तार करते हुए एफआइआर के 16 दिन बाद एससी/एसटी कोर्ट अलवर में चालान पेश कर दिया।