Varanasi: कोहरे की चादर में लिपटा उत्तर भारत, सुबह शून्य रही दृश्यता

उत्तर प्रदेश में घने कोहरे और गलन के कारण सुबह 10 बजे तक लोग कांपते हुए सड़कों पर वाहनों की लाइटें जलाकर चलते दिखे।

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वाराणसी (Varanasi) सहित पूरे पूर्वांचल (Purvanchal) के जनपदों (Districts) में घने कोहरे (Fog) और गलन (Melting) से मंगलवार को जनजीवन ठहर सा गया है। घने कोहरे की चादर जमीन से आसमान (Sky) तक होने की वजह से सुबह दस बजे तक भी पचास मीटर की दूरी नहीं दिख रही है। कड़ाके की ठंड के चलते लोग सुबह देर तक घरों में ही बने रहे।

घने कोहरे और गलन के चलते कंपकपाते लोग सड़कों पर पूर्वांह दस बजे तक सड़कों पर वाहनों की लाइट जलाकर चलते दिखे। बच्चे भी घने कोहरे और गलन में स्कूल के लिए घरों से निकले। गलन और सर्द हवाओं से स्कूल में भी बच्चे कांपते रहे। घरों के साथ सड़कों पर लोग अलाव जला कर कोल्ड डे से बचाव करते दिखे। दिन और रात के तापमान में गिरावट होने से ठंड और गलन ने डेरा जमा लिया है।

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ठंड से राहत मिलने की संभावना अभी नहीं
वाराणसी में सुबह 09 बजे न्यूनतम तापमान 08 डिग्री और अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस, नमी 97 फीसदी रही। वहीं एक दिन पूर्व सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री कम 16 डिग्री और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। माना जा रहा है कि फिलहाल 25 जनवरी तक लोगों को ठंड से राहत मिलने की संभावना अभी नहीं है।

पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा ठंडा
बीएचयू के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अभी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है। सर्द मौसम के चलते गर्म कपड़ों के बाजार में तेजी है। रूम हीटर, ब्लोअर, गीजर आदि की मांग बनी हुई हैं। बीते 24 घंटे में सोनभद्र जिला सबसे अधिक ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। जिले में शीत लहर का प्रकोप भी बना रहा। पूर्वांचल के जिलों में घने कोहरे, कोल्ड डे और शीतलहर के प्रकोप से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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