बिहारः विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पारित होने के बावजूद क्यों मचा है कोहराम?

बिहार विधानसभा में विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 विधेयक तो पारित हो गया है लेकिन उसका साइड इफेक्ट अभी तक दिख रहा है।

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बिहार विधानसभा में विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के विरोध प्रदर्शन के दौरान हंगामा करने के मामले में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार की आलोचना की है। भारी हंगामे और बवाल के बीच 24 मार्च को सरकार ने सदन में इस विशेष विधेयक को पास करा लिया।

विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार जी को पता होना चाहिए कि सरकारें बदलती हैं।

नीतीश माफी मांगेः विपक्ष
तेजस्वी ने कहा है कि 23 मार्च को विधानसभा के अंदर विधायकों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की गई। यह गंभीर मामला है। अगर नीतीश कुमार ने इस घटना के लिए माफी नहीं मांगी, तो हम शेष कार्यकाल के लिए विधानसभा का बहिष्कार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 23 मार्च के हमले पर पूरा देश सवाल पूछ रहा है। नीतीश कुमार ने शर्म और नैतिकता बेच खाई है।

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विपक्ष का आरोप
विपक्ष का आरोप है कि सदन में काला कानून का विरोध कर रहे विपक्ष के विधायकों की लात-घुसों से पिटाई की गई। साथ ही महिलाओं का भी चीरहरण किया गया। बिहार के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। 24 मार्च को घटी घटना के बाद विधानभवन के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि 23 मार्च की घटना में दो महिलाओं समेत कुल 12 लोग घायल हुए हैं।

ये है मामला
बिहार विधानसभा में 23 मार्च को जमकर हंगामा हुआ। सदन के अंदर के साथ ही बाहर भी विपक्ष के नेताओं ने हंगामा किया। विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पर चर्चा होनी थी। लेकिन इस विधेयक के विरोध में विपक्षी नेता हाथों में बैनर और पोस्टर लिए विधानसभा के बाहर हंगामा कर रहे थे।

सरकार का तर्क
सरकार का कहना था कि यह विधेयक राज्य में कानून-व्यवस्था के लिए बहुत जरुरी है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार इस बिल के रूप में काला कानून बनाने जा रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव भी हाथ में बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।

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विपक्ष का आरोप
नीतीश सरकरा सीआईएसएफ जैसी पुलिस की स्पेशल यूनिट बना रही है। यह यूनिट बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है। इस बिल को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह बिल पास हो जाने के बाद पुलिस किसी को भी गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र रहेगी। इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

विशेष सशस्त्र पुलिस बिल 2021 की खास बातें

  • सरकार बंगाल मिलिट्री एक्ट को खत्म कर अपना सशस्त्र पुलिस बल गठन करेगी
  • यह यूनिट सीआईएसएफ की तरह काम करेगी
  • इसे औद्योगिक, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान,हवाई अड्डा, मेट्रो रेल की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा
  • हाई प्रोफाइल सिक्योरिटी के लिए विशेष सशस्त्र पुलिस की आवश्यकता को ध्यान में रखकर यह विधेयक पारित कराया गया है।
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