जानिये ‘एनआईए’ है क्या? कैसे करती है आपकी रक्षा?

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण का गठन वैश्विक जांच एजेंसियों को परिलक्षित करके किया गया है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिये भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संघीय जाँच एजेंसी है। यह केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य करती है।

159

केंद्र सरकार के अधीन कई एजेंसियां हैं जो देश के किसी भी मामले में जांच कर सकती हैं, कार्रवाई कर सकती हैं। तो प्रश्न उठता है कि तब एनआईए का गठन क्यों हुआ?

एनआईए यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण की स्थापना एक विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए की गई है। इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खड़ी हुई चिंताएं हैं। जो देश में आतंक, नक्सली उत्पात, पूर्वोत्तर की मिलिटेंसी, हथियार और ड्रग की तस्करी जैसी घटनाओं के माध्यम से होती हैं। यह किसी प्रकरण की जांच उसके साक्ष्य इकट्ठा (इन्वेस्टिगेशन) करने का कार्य तो करती है साथ ही उस प्रकरण को न्याय पालिका तक ले जाती यानी आरोप पत्र भी दायर करती है, इसका अर्थ है कि ये प्रॉसिक्यूशन भी करती है।

ये भी पढ़ें – सर्वोच्च न्यायालय ने माना आरोप गंभीर पर…. परमबीर सिंह को मिला ये आदेश!

ऐसी स्थिति में जांच की सीमा राष्ट्रीय होती है और कुछ मामलों में तो वैश्विक स्तर पर जांच की जाती है। इसको लेकर कई कमेटियां बनीं और सभी ने एक स्वतंत्र अन्वेषण अभिकरण के स्थापना की राय दी। इस बीच मुंबई में 2008 में बड़ा आतंकी हमला हुआ। जिसने देश में गंभीर चिंता उत्पन्न कर दिया। इस चिंता को खत्म करते हुए एनआईए अधिनियम संसद में पारित किया गया और 31 दिसंबर, 2008 को नेशनल इन्वेस्टिगेटशन एजेंसी (एनआईए या राष्ट्री सुरक्षा अभिकरण) की स्थापना हो गई।

लक्ष्य

  • वैश्विक मानकों के अनुरूप स्वतंत्र जांच
  • आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच
  • अति दक्ष और उच्च प्रशिक्षित कर्मचारी व अधिकारियों का दल
  • आतंकी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों पर लक्ष्य रखना
  • राष्ट्रीय स्तर पर आतंक से संबंधित जानकारियों का स्टोर हाउस
  • आतंकवाद से जुड़े कानूनों का अध्ययन करना, स्थापित कानूनों की उपयुक्तता जांचना।

ये भी पढ़ें – बिहारः विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पारित होने के बावजूद क्यों मचा है कोहराम?

कानूनी सामर्थ्य

  • एनआईए संशोधन अधिनियम के अंतर्गत तीन प्रमुख बदलाव किये गए हैं।
  • एनआईए अटॉमिक एनर्जी अधिनियम, 1962 और यूपीए अधिनियम के अंतर्गत होनेवाले अपराधों की जांच का अधिकार। इसके अलावा जाली नोट, मानव तस्करी, अवैध रूप से हथियारों का निर्माण और बिक्री, साइबर आतंकवाद और एक्सप्लोसिव सबस्टांस एक्ट, 1908 के अंतर्गत आनेवाले अपराध की जांच कर सकती है।
  • विदेशों में भी भारतीयों के विरुद्ध हुए अपराधों की जांच का अधिकार
  • एनआईए न्यायालयों को विशेष न्यायालय की श्रेणी दी गई।
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.