Tamil Nadu: अब तमिलनाडु में देवी-देवाताओं की प्रतिमाओं के विसर्जन पर शुल्क(Fee on immersion of idols of gods and goddesses) लगेगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) की दक्षिणी पीठ ने निर्देश दिया है कि जल स्रोतों में मूर्ति विसर्जन के लिए गाइडलाइंस(Guidelines for idol immersion in water sources) बनाकर विसर्जन करने वालों शुल्क की वसूली की जाएगी।
मूर्ति विसर्जन के लिए शुल्क
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की दक्षिणी पीठ के निर्देशानुसार तमिलनाडु सरकार मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों से शुल्क की वसूली करेगी। यही नहीं मूर्ति विसर्जन करने से पहले अनुमति भी लेनी होगी। राज्य सरकार शुल्क लेने और मूर्ति विसर्जन करने के लिए गाइडलाइंस बना रही है। यह भी बताया जा रहा है कि इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की दक्षिणी पीठ के निर्देशन में एक समिति बनाई जाएगी, जो इस विषय में अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके पश्चात ही मूर्ति विसर्जन का प्रोटोकॉल तैयार किया जाएगा।
गठित समिति की होगी बैठक
इस संबंध में पीठ ने यह भी कहा कि “न्यायाधिकरण द्वारा गठित समिति एक बैठक बुलाएगी और त्योहार से कम से कम 6 महीना पहले मूर्ति विसर्जन के लिए टैंक तैयार किया जाएगा, जिसमें मूर्तियों का विसर्जन होगा। इसके बारे में मूर्ति विसर्जन करने वालों को भी गाइडलाइंस के अनुसार सूचित किया जाएगा। मूर्ति विसर्जन की इस पद्धति में पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) को रोका जा सकता है।”