कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) और जस्टिस सोमेन सेन (Justice Somen Sen) ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। गंगोपाध्याय ने न्यायमूर्ति सोमेन सेन की अध्यक्षता वाली पीठ के आदेश को अवैध (Illegal) करार दिया। जिसमें मेडिकल प्रवेश परीक्षा (Medical Entrance Exam) में अनियमितताओं की सीबीआई जांच (CBI Investigation) के संबंध में एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह भी साफ किया कि इस मामले में सीबीआई जांच जारी रहेगी। यह फैसला सुनाते हुए गंगोपाध्याय ने चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं।
न्यायमूर्ति सोमेन सेन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए सीबीआई जांच पर एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी कि राज्य को अपना मामला पेश करने का अवसर नहीं दिया गया। जस्टिस सेन ने यह भी कहा था कि चूंकि रिट याचिका में सीबीआई जांच की मांग नहीं की गई है, इसलिए जांच सीबीआई को हस्तांतरित नहीं की जा सकती।
Justice Soumen Sen of Calcutta High Court acting for political party; Supreme Court must review his orders: Justice Abhijit Gangopadhyay
Read story: https://t.co/UbN5jBlLX8 pic.twitter.com/zPMQBqudtX
— Bar & Bench (@barandbench) January 26, 2024
यह भी पढ़ें- Maratha Reservation: मराठा आंदोलन को मिली सफलता, भूख हड़ताल खत्म करेंगे मनोज जारांगे पाटिल
जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए: जस्टिस गंगोपाध्याय
पश्चिम बंगाल में यह आरोप लगाया गया था कि बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाए गए और फिर उनके आधार पर कई बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया गया। मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने आदेश में कहा था कि पश्चिम बंगाल पुलिस ईडी टीम पर हमला करने वाले आरोपी शाहजहां शेख को गिरफ्तार तक नहीं कर सकी है। इसलिए राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है, जांच तुरंत सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने एक बार फिर उठाया मुद्दा
इस फैसले के तुरंत बाद राज्य सरकार ने मामले को न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की पीठ के समक्ष उठाया। इसके बाद पीठ ने जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने गुरुवार को फिर यह मुद्दा उठाया। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि पीठ ने जल्दबाजी में बिना किसी कारण के अपने आदेश पर रोक लगा दी।
जस्टिस सेन पर राजनीतिक दल का समर्थन करने का आरोप
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, न्यायमूर्ति सेन निश्चित रूप से राज्य में किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करते हैं। इसलिए अगर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को लगता है कि उसकी पीठ द्वारा पारित आदेश पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। जस्टिस गंगोपाध्याय का इशारा टीएमसी की ओर था। उनका कहना है कि जस्टिस सेन ने केवल कुछ निजी फायदे के लिए सत्ताधारी पार्टी को बचाने की कोशिश की है। इसलिए उनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है।
देखें यह वीडियो-
Join Our WhatsApp Community