Jharkhand: ईडी कोर्ट ने हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में भेजा, ED रिमांड पर इस तिथि को आयेगा फैसला

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ईसीआईआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है। ईडी ने यह ईसीआईआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी।

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Jharkhand: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने जमीन घोटाले के आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन(Former Chief Minister Hemant Soren accused in land scam) को 1 फरवरी को ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत(Court of ED Special Judge Dinesh Rai) में पेश किया। ईडी ने 10 दिन का रिमांड मांगा। दोनों ओर से बहस होने के बाद अदालत ने हेमन्त सोरेन को एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत(judicial custody) में भेज दिया। अदालत रिमांड पर फैसला 2 फरवरी को सुनाएगा। हेमंत को बड़गाईं अंचल की 8.45 एकड़ जमीन(8.45 acre land scam in Badagai area) के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पैरवी की। राजीव रंजन ने न्यायालय को बताया कि हेमंत निर्दोष हैं। ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनिल कुमार ने पक्ष रखा।

31 जनवरी की रात हुई गिरफ्तारी
इससे पहले हेमंत सोरेन से 31 जनवरी को सात घंटे से भी ज्यादा चली पूछताछ के बाद ईडी ने रात हिरासत में लेकर राजभवन पहुंची थी। वहां हेमंत ने मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंपा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद राजभवन से निकलते ही ईडी ने उनको गिरफ्तार कर लिया। फिर ईडी की टीम सोरेन को साथ लेकर राजभवन से निकली और सीधे एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय लेकर चली गयी थी।

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यह है मामला
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ईसीआईआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है। ईडी ने यह ईसीआईआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी। ईडी ने मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया था कि बड़गाई अंचल में डीएवी बरियात के पीछे 8.45 एकड़ जमीन पर मुख्यमंत्री का कब्जा है। इस जमीन की मापी का निर्देश बड़गाई अंचल को उदय शंकर नामक पीपीएस ने दिया था। वह मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ प्रतिनियुक्त था।

मुख्यमंत्री ने दी ईडी की कार्रवाई को चुनौती
मामले की प्रारंभिक जांच के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री से पूछताछ करने के लिए अगस्त 2023 से समन जारी करना शुरू किया था। मुख्यमंत्री ने ईडी की कार्रवाई को कानूनी चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट तक की कानूनी जंग में उन्हें राहत नहीं मिली थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें समन के साथ ही चेतावनी भी दी।

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