Bharat Ratna: एलके आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणाः जानिये, कैसे दिया जाता है देश का सर्वोच्च पुरस्कार ?

इस वर्ष राजनीति की दो हस्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार किसे दिया जाता है, देने के पीछे का क्या उद्देश्य है। यहां जानते हैं पूरी जानकारीः

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Bharat Ratna: मोदी सरकार(Modi government) ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे लालकृष्ण आडवाणी(Senior leader of Bharatiya Janata Party and big face of Ram Mandir movement, Lal Krishna Advani) को भारत रत्न देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने ट्वीट(Tweet) कर यह जानकारी दी है। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन(Ram temple movement in Ayodhya) को सक्रिय करने में पूर्व उपमुख्यमंत्री आडवाणी(Former Deputy Chief Minister Advani) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इससे पहले हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर(Former Chief Minister Karpoori Thakur) को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। वे जनसंघ के समर्थन से बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। कर्पूरी ठाकुर के लिए 49वें भारत रत्न पुरस्कार की घोषणा की गई है। ठाकुर को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा।

आइए, देश के इस सर्वोच्च पुरस्कार के बारे में जानते हैंः 

भारत रत्न
यह देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह विज्ञान, कला, साहित्य और सर्वोच्च स्तर की सार्वजनिक सेवा की मान्यता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र की असाधारण सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है और इसकी स्थापना के बाद से, सात पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किए गए हैं।

भारत रत्न का इतिहास
-इस पुरस्कार की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।

-जनवरी 1954 में घोषित मूल क़ानून में इस पुरस्कार को मरणोपरांत प्रदान करने की अवधारणा नहीं थी।

-इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की जनवरी 1966 की क़ानून में अंततः मरणोपरांत पुरस्कार देने का प्रावधान जोड़ा गया।

-पहला भारत रत्न पुरस्कार सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सर सी.वी. रनमन और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को 1954 में को प्रदान किया गया था।

-सचिन तेंदुलकर पहले खिलाड़ी और सबसे कम उम्र में भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं।

पुरस्कार
-पदक कांस्य का बना होता है।

-पदक को पीपल के पेड़ के पत्ते की तरह डिजाइन किया गया है, जिसके बीच में धूप की किरण है और इसके नीचे भारत रत्न उकेरा गया है।

-पीछे की तरफ भारत का प्रतीक चिन्ह उभरा हुआ है और देवनागरी लिपि में सत्यमेव जयते अंकित है।

-पदक को एक सफेद रिबन का उपयोग करके गर्दन के चारों ओर पहना जाता है।

-इस पुरस्कार में कोई मौद्रिक बंदोबस्ती नहीं है।

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भारत रत्न पाने के दावेदार कौन हैं?
-यह पुरस्कार शुरू में साहित्य, विज्ञान, कला और सार्वजनिक सेवाओं में उपलब्धियों तक ही सीमित था।

-भारत सरकार ने 2011 में “किसी भी क्षेत्र में विशेष सेवा” को शामिल करने के लिए शर्तों का विस्तार किया।

-ऐसा कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि भारत रत्न केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाना चाहिए।

-हाल ही में भारत सरकार ने भारत रत्न के लिए खेल क्षेत्र के व्यक्तियों की पात्रता के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया है।

 कौन करता है निर्णय?
-भारत रत्न के लिए सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं।

-किसी विशिष्ट वर्ष में वार्षिक पुरस्कारों की संख्या अधिकतम तीन तक सीमित है।

विवाद
1992 में सुभाष चंद्र बोस को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। चूंकि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु का कोई ठोस सबूत नहीं है, इसलिए उनके परिवार ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था।

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