महाराष्ट्र, अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व की वन रेंज अधिकारी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में वन विभाग प्रमुख (डीसीएफ) शिव कुमार को गिरफ्तार किया गया है। मेलघाट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत हरिसाल की वन रेंज अधिकारी दीपाली चव्हाण ने 25 मार्च को अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।प्रारंभिक जांच के मुताबिक वह अपने सीनियर शिव कुमार की प्रताड़ना से परेशान थीं। आत्महत्या से पहले दीपाली ने एक सुसाइ़़ड नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने सीनियर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शिव कुमार नागपुर से अपने गृह नगर कर्नाटक भागने की फिराक में थे। लेकिन उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से दो सूटकेस भी बरामद हुए हैंं।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
अमरावती के पुलिस अधीक्षक डॉ. हरिबालाजी एन ने इस मामले में शिव कुमार समेत अन्य उन सभी अधिकारियों की जांच करने की बात कही है, जिनके नाम दीपाली चव्हाण के सुसाइड नोट में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
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एक बहादुर अधिकारी के रुप में पहचान
दीपाली चव्हाण ने आत्महत्या करने से पहले मेलघाट में रह रही अपनी मां को गांव भेज दिया था। उनकी पहचान एक बहादुर अधिकारी के रुप में थी। उन्हें लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता था। अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने हरिसाल के दो गांवों का कायाकल्प किया था। इसके लिए वन विभाग ने उन्हें सम्मानित भी किया था।
सुसाइड नोट में गंभीर आरोप
- मेरे सीनियर्स मुझे गलत काम करने पर मजबूर करते थे।
- शिव कुमार सर मुझे जूनियर्स, गांववालों और मजदूरों के सामने गालियां देते थे।
- प्रेगनेंट होने के बावजूद मुझे कच्चे रास्ते पर चलाया गया। इस वजह से मेरा ऑबर्शन हो गया। इसके बावजूद मुझे छुट्टी नहीं दी गई थी।
- शिव कुमार रात में मिलने के लिए बुलाते थे। वे मुझसे अश्लील बातें करते थे। इसकी शिकायत मैंने अपने सीनियर्स से की थी।
- मेलघाट ऐसा दलदल है, जहां आप अपनी मर्जी से आ तो सकते हैं, लेकिन जा नहीं सकते।