UP Budget: मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला को समर्पित किया अब तक का सबसे बड़ा बजट, बताया ये कारण

पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना को पांचवीं बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के नामकरण का ये अमृतकाल है। ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

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UP Budget: उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े बजट(Uttar Pradesh’s biggest budget so far) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) ने भगवान श्रीराम को समर्पित(Dedicated to Lord Shri Ram) किया है। 5 फरवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा में 2024-25 का बजट प्रस्तुत(Budget 2024-25 presented in Uttar Pradesh Assembly) किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय(Synonyms of Lord Shri Ram Lokmangal) हैं और इस बजट के आदि, मध्य और अंत में श्रीरामलला ही(Shri Ram Lalla is at the beginning, middle and end of the budget.) हैं। योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज(Budget is a document of overall and balanced development of the state.) है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्सव, उद्योग और उम्मीद को नये यूपी की तस्वीर(A picture of celebration, industry and hope for the new UP) बताया।

2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि
पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना(Finance Minister Suresh Khanna) को पांचवीं बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का ये आठवां बजट प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा 7,36,437.71 करोड़ का बजट है। उन्होंने कहा कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित इस बजट में 2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोत्तरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री के विजन सबका साथ सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है।

न तो कोई अतिरिक्त कर, न ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को गिनाते हुए बताया कि पहली बार 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया गया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो न केवल रोजगार का सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़ रुपये यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। साथ ही प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। आज यूपी देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। ऐसा इसलिए सम्भव हो सका है क्योंकि सरकार ने न केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि रेवेन्यु लिकेज को समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। यही कारण है कि यूपी आज एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया, यही नहीं इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित किये गये।

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बजट में राजकोषीय अनुशासन भी
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व बैंक द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाट (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय अनुशासन का भी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट को पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है।

शुरू होगी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए बजट में किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बजट में 24,863.57 करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत 5 लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन, जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 2 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन। स्पोर्ट साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना, 22 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में डेवलप किया जाना भी बजट के महत्वपूर्ण प्रस्ताव है।

46 साल बाद प्रदेश के अंदर बनेगा नया शहर
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है। 46 साल बाद प्रदेश के अंदर नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा। इसके साथ ही यूपी में स्पिरिचुअल टूरिज्म जिसमें अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिष, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरीडोर की थीम पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, प्रयागराज में कुम्भ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के लिए धनराशि की व्यवस्था, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, कृषि एक प्राथमिक सेक्टर में किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना भी प्रस्तावित है। साथ ही साथ प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना हर ग्राम पंचायत में स्थापित की जाएगी।

प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के नामकरण का ये अमृतकाल है। ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सरकार ने ग्रीन बजट की अवधारणा को सार्थक करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई है। ग्रीन टैगिंग करने के मामले में यूपी पहला राज्य होगा। हमारी बजट प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। हमारा बजट थिंक बजट भी है। ये माताओं, बहनों, बेटियों के कल्याण पर आधारित बजट है। ये बजट प्रदेश के समग्र संकल्पनाओं को पूरा करने वाला है।

अलग-अलग थीम पर आधारित रहा है योगी सरकार का प्रत्येक बजट
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का ये आठवां बजट है। उनकी सरकार के पिछले सभी बजट किसी न किसी थीम को लेकर प्रस्तुत किये गये हैं। 2017-18 का बजट जहां अन्नदाता किसानों को समर्पित था, वहीं 2018-19 का बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल विकास, 2019-20 का बजट मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण को समर्पित, 2020-21 का बजट युवा ऊर्जा को समर्पित, 2021-22 का बजट स्वावलम्बन से सशक्तिकरण को समर्पित, 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित, 2023-24 का बजट त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास को समर्पित रहा है। वहीं 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। तुलसीदास के शब्दों में ‘एही महं आदि मध्य अवसाना, प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना’ यानी बजट के शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं। बजट के विचार और इसके संकल्प में श्रीराम हैं।

ये रहे मौजूद
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव वित्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव गृह एवं सूचना संजय प्रसाद समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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