Israel-Palestine war: इजराइली प्रधानमंत्री (Israeli Prime Minister) बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने हमास (Hamas) को चेतावनी देते हुए कहा है कि बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर इजराइल हर शर्त नहीं मानेगा। नेतन्याहू ने कहा कि हमास इजराइली बंधकों की रिहाई के मसले पर दबाव बनाने की नीति पर चल रहा है। इजराइल ने हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमले किए हैं। एक अन्य मामले में जर्मनी (Germany) में इजराइल हमास युद्ध विवाद को लेकर यहूदी छात्र पर हमला किया गया है।
हमास रिहाई के बदले में गाजा में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए वहां स्थायी युद्धविराम चाहता है। इजराइल की जेलों में जघन्य अपराधों में बंद हजारों आतंकियों-अपराधियों को छुड़वाना चाहता है, इसलिए इजराइल आतंकी संगठन की हर बात नहीं मानेगा। नेतन्याहू ने यह बात 130 इजराइली बंधकों की रिहाई पर हमास के साथ चल रही वार्ता पर कही है। इन लोगों को सात अक्टूबर को इजराइली शहरों के अगवा कर हमास ने बंधक बना रखा है।
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हिजबुल्ला के ठिकानों पर हवाई हमला
इस बीच इजराइली सेना ने लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला (Hezbollah) के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में हुए जान-माल के नुकसान की जानकारी अभी नहीं मिली है। सीमा पर दोनों ओर से गोलाबारी भी जारी है। इससे पहले हिजबुल्ला ने इजराइल के सीमावर्ती इलाकों में राकेटों से हमले किए। इन हमलों में किसी के मारे जाने की सूचना नहीं है। गाजा में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध से उपजे वैमनस्य का असर विश्व के बड़े हिस्से में दिखाई दे रहा है। जर्मनी में फलस्तीन मुद्दे पर बहस के दौरान एक 23 वर्षीय विश्वविद्यालय छात्र ने अपने सहपाठी 30 वर्षीय यहूदी छात्र को पीट-पीटकर घायल कर दिया। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
225 इजराइली सैनिकों की मौत
बर्लिन की इस घटना में 23 वर्षीय छात्र फलस्तीन के समर्थन में तर्क दे रहा था तो यहूदी छात्र उसका प्रतिवाद कर रहा था। उसी के बाद उत्तेजित 23 वर्षीय छात्र ने यहूदी सहपाठी के चेहरे पर घूंसे मारने शुरू कर दिए और उसके गिरने पर पैर से उसमें ठोकरें भी मारीं। यह करने के बाद ¨हसक छात्र मौके से फरार हो गया। ज्ञात रहे कि इजराइल और हमास युद्ध चार महीने से जारी गाजा युद्ध में इजराइली सैनिकों की मौत का आंकड़ा रविवार को बढ़कर 225 तक पहुंच गया। दक्षिणी गाजा में लड़ रहे इजराइली सेना के सार्जेंट शिमोन सेहोशुआ असुलिन (24) के मरने के साथ ही मृतक सैनिकों की संख्या बढ़ी है जबकि गाजा में मरे फलस्तीनियों की संख्या 27,500 के आंकड़े को पार कर गई है।