Madhya Pradesh: हरदा की अवैध पटाखा फैक्टरी में पहले भी हो चुका है ब्लास्ट, 2018 में गई थी इतने लोगों की जान

मध्य प्रदेश में इससे पहले भी पटाखा फैक्टरियों में विस्फोट हो चुके हैं। हरदा की तरह बालाघाट के किरनापुर में 2015 और खैरी में 2017 में धमाके हुए थे।

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Madhya Pradesh के हरदा में मगरधा रोड स्थित पटाखा फैक्ट्री(Firecracker factory located on Magardha Road in Harda.) में 6 फरवरी को हुए विस्फोट से अब तक 12 लोगों की मौत(12 people have died so far due to the explosion) हुई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल(More than 100 people injured) हुए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। हालांकि, प्रशासन पहले ही सबक लेता तो शायद यह बड़ा हादसा टल जाता।

हादसे को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि इस फैक्टरी में पहले भी हुए हादसे में कई लोगों की जान जा चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पटाखा फैक्टरी करीब 20 साल पुरानी है। पूर्व में भी यहां तीन बार हादसे हुए लेकिन प्रशासन ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। साल 2018 में यहां एक बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।

लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
हादसे के बाद लोगों ने फैक्टरी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कुछ दिन तो मामला गर्म रहा लेकिन बाद में यह ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने पिछले साल 5 सितम्बर को इस अवैध फैक्टरी को सील कर दिया गया था लेकिन यहां पटाखा बनाने का काम निरंतर जारी थी। अब 6 फऱवरी को यहां हुए हादसे के बाद राज्य सरकार एक्टिव हो गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। हादसे में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के नि:शुल्क और समुचित उपचार के निर्देश दिए गए हैं।

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पटाखा फैक्टरी में विस्फोट से बालाघाट में 29 और दमोह में हो चुकी है 7 लोगों की मौत
मध्य प्रदेश में इससे पहले भी पटाखा फैक्टरियों में विस्फोट हो चुके हैं। हरदा की तरह बालाघाट के किरनापुर में 2015 और खैरी में 2017 में धमाके हुए थे। इन दोनों घटनाओं में 29 लोगों की जान गई थी। वहीं, दमोह में भी अवैध पटाखा फैक्टरी में धमाके से 7 लोगों की जान जा चुकी है।

7 जून 2017 को ब्लास्ट
बालाघाट जिला मुख्यालय से सात किमी दूर ग्राम खैरी में स्थित एक अवैध पटाखा फैक्टरी में 7 जून 2017 को तेज धमाका हुआ था। इस विस्फोट में 26 लोगों की मौत हुई थी। धमाका इतना तेज था कि बाहर खड़ा फायर ब्रिगेड का वाहन भी जल गया था। धमाकों की आवाज पांच किमी दूर तक सुनाई दी थी। शवों के चीथड़े दो किमी दूर तक गिरे थे। पटाखा फैक्टरी चार साल से बिना अनुमति के संचालित की जा रही थी। इस घटना को छह साल बीत चुके हैं लेकिन पीड़ितों से किए वादे आज भी अधूरे हैं।

2015 में किरनापुर तहसील में अवैध पटाखा फैक्टरी में धमाका
इससे पहले 2015 में किरनापुर तहसील में अवैध पटाखा फैक्टरी में धमाका हुआ था। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे। उधर, दमोह के कोतवाली थानांतर्गत नया बाजार में बड़े पुल के पास अवैध पटाखा फैक्टरकी में 30 अक्टूबर 2023 को विस्फोट हुआ था। इस हादसे में फैक्टरी मालिक अभय उर्फ छुट्टन गुप्ता सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। मजिस्ट्रियल जांच के बाद रिपोर्ट तो आई लेकिन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

बैरागढ़ क्षेत्र में पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट
इधर, 6 फरवरी को हरदा के मगरदा रोड स्थित बैरागढ़ क्षेत्र में पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट से पूरा क्षेत्र दहल गया। धमाके की आवाज के बाद सभी अपने-अपने वाहन छोड़ कर भागने लगे। मौके से करीब 40 किलोमीटर दूर का क्षेत्र भूकंप की तरह कांप गया। कई कच्चे मकान गिर गए, सरकारी अस्पताल के कांच चटक गए।

मौके पर मची थी चीख पुकार
हरदा के रहने वाले संतोष कसदे ने बताया कि वह सुबह 11.30 बजे पटाखा फैक्टरी से 800 मीटर दूर स्थित घंटाघर बाजार में खड़ा था। इसी समय पटाखा फैक्टरी में छोटा विस्फोट हुआ। विस्फोट सुनकर कुछ लोग मदद के लिए फैक्टरी की ओर दौड़े लेकिन 11.40 बजे फैक्टरी में एक बड़ा विस्फोट हुआ। मौके पर चीख-पुकार मच गई और जो लोग मदद के लिए गए थे, वे लोग भी भागने लगे। बड़े धमाके से घंटाघर बाजार भी दहल गया और व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर भागने लगे। ग्राहक भी वाहन वहीं छोड़ कर भाग गए।

दिल दहला देवे वाला था मंजर
संतोष कसदे ने बताया कि फैक्टरी में ब्लास्ट से पत्थर, लोहे के टुकड़े और टिन शेड 500 मीटर दूर तक उड़ कर गिरे और भागने वाले लोगों को जाकर लगे। पत्थर सिर में लगने से किसी की मौके पर ही मौत हो गई तो टिन शेड से किसी का हाथ कट गया। मौके से 5000 मीटर की दूरी पर जितने भी मकान थे, वे सब इसकी जद में आ गए। कच्चे मकान तो धराशायी हो गए। करीब एक घंटे तक पटाखा फैक्टरी में विस्फोट का सिलसिला चलता रहा। बैरागढ़ से ही करीब दो किमी दूर सरकारी अस्पताल भी है, धमाका होने पर अस्पताल के कांच चटक गए। इसके साथ ही आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा। जिस स्थान पर हादसा हुआ उससे महज 500 मीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप भी है। गनीमत रही कि आग की लपटें वहां तक नहीं पहुंची, वरना वहां भी बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

फैक्टरी मलबे में तब्दील
फिलहाल फैक्टरी में आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन फैक्ट्री पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गई है। राहत एवं बचाव दल देर शाम तक मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटा है।

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