पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। देश में अगली सरकार गठबंधन (Government Coalition) वाली होगी और इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) विपक्ष में बैठेगी।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ की पार्टी-पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज), बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) आपसी तालमेल करके पाकिस्तान में नई सरकार बना सकते हैं।
नवाज की पार्टी को सेना का समर्थन
वहीं पीपीपी का एक वर्ग अभी भी बिलावल के लिए प्रधानमंत्री पद की पैरोकारी कर रहा है। इसलिए पांच वर्ष के सरकार के कार्यकाल में नेतृत्व को लेकर साझेदारी का समझौता संभव है, जिसमें शुरुआती तीन वर्ष पीएमएल एन को और बाद के दो वर्ष पीपीपी को मिल सकते हैं। इस बीच निर्दलीय सांसदों और विधायकों का पीएमएल एन में शामिल होना जारी है। नवाज की पार्टी को सरकार बनाने के लिए सेना का समर्थन भी माना जा रहा है।
मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे
पीटीआई प्रमुख गौहर अली खान ने देश में सरकार बनाने के दावे से पीछे हटते हुए सोमवार को कहा, हम नवाज की पीएमएल एन और पीपीपी के साथ नहीं बैठ सकते। इसलिए हमने उनसे सरकार बनाने के संबंध में बात नहीं की। उनके साथ गठबंधन करके सरकार बनाने से अच्छा है कि हम विपक्ष में बैठें। लेकिन सभी को ध्यान रखना चाहिए कि हम बहुमत में हैं। चुनाव में तमाम गड़बड़ियों के बावजूद पीटीआई के सबसे ज्यादा प्रत्याशी जीतकर नेशनल असेंबली (संसद) में आए हैं। इसलिए मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे। संसद में बैठकर सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।
सरकार बनाने के लिए 133 सांसदों का समर्थन जरूरी
चुनाव आयोग ने जिन 101 निर्दलियों के जीतने की घोषणा की है उनमें से ज्यादातर पीटीआई द्वारा समर्थित हैं। पीएमएल एन ने 75 सीटें, पीपीपी ने 54 और एमक्यूएम ने 17 सीटें जीती हैं। जबकि अन्य दलों ने भी 17 सीटें जीती हैं। एक सीट का परिणाम चुनाव आयोग ने रोक रखा है जबकि एक सीट पर प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसलिए सरकार बनाने के लिए फिलहाल 133 सांसदों का समर्थन जरूरी है। 336 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में 266 सदस्यों को मतदाता चुनकर भेजते हैं, जबकि 70 सदस्य नामित होते हैं।
169 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी
इन नामित सदस्यों में 60 महिलाएं होती हैं, जबकि 10 अल्पसंख्यक वर्ग के होते हैं। सरकार को नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करने के लिए 169 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। वहीं किसी भी दल को बहुमत न मिलने से देश में राजनीतिक अनिश्चितता का असर पाकिस्तान के शेयर बाजार में सोमवार को दिखाई दिया और शुरुआती कारोबार में सूचकांक 2,200 अंक तक नीचे गया।
चुनाव में अपने दलों को जनता द्वारा नकारे जाने के बाद इस्तेहकाम ए पाकिस्तान पार्टी के प्रमुख जहांगीर खान तरीन और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ-पार्लियामेंटेरियन के प्रमुख परवेज खटक ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। ये दोनों ही एक समय इमरान की पार्टी पीटीआई के प्रमुख नेता थे, लेकिन इमरान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई, 2023 को हुई हिंसक घटनाओं और उसके बाद प्रशासन के दमन के चलते तरीन और खटक ने पीटीआई छोड़कर अपने अलग दल बना लिए थे।
चुनाव के दौरान धांधली
सोमवार को पीटीआई के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात कर उनसे चुनाव के दौरान हुई धांधली की शिकायत की और अपने दावे को पुष्ट करने वाले सुबूत दिए। पाकिस्तान की 24 संसदीय सीटें ऐसी हैं जिन पर जितने अंतर से जीत हुई है, उससे ज्यादा संख्या में वहां पर मत रद किए गए। अगर उन मतों को वैध करार दिया जाता तो कई सीटों पर परिणाम बदल सकते थे।
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